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भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विस में हंगामा, कांग्रेस-भाजपा ने किया बहिर्गमन

विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओडिशा के हर विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बुधवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विस में हंगामा, कांग्रेस-भाजपा ने किया बहिर्गमन
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भुवनेश्वर। विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओडिशा के हर विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बुधवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया।

भ्रष्टाचार पर स्थगन प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर एक बहस में भाग लेते हुए विपक्षी सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार का भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का नारा केवल कलम और कागज में है।

विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन मांझी ने कहा कि पंचायत से राज्य स्तर तक पीसी (प्रतिशत) कायम है, बिना रिश्वत दिए कोई बिल पारित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि खदान, जल संसाधन लगभग सहित सभी विभागों में कनिष्ठ अभियंता (जेई) से लेकर शीर्ष अभियंता और अधिकारी भ्रष्टाचार में शामिल हैं। उन्होंने राज्य सरकार को ‘पीसी सरकार’ करार दिया।

कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया है कि बिना काम किए बिल भी पास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है और 500 से 700 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में लिप्त खान पट्टाधारकों को नोटिस जारी कर चुपचाप बैठी है।
श्री मिश्रा की बातों का उनकी पार्टी के संतोष सिंह सलूजा और अन्य लोगों का समर्थन किया।

वहीं, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से बहस का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री निरंजन पुजारी ने कहा कि विपक्ष के आरोप तथ्य पर आधारित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विजीलैंस ने ग्रुप-ए के 60 अधिकारियों सहित 557 लोगों के खिलाफ 118 ट्रैप मामलों और 85 आय से अधिक संपत्ति के मामलों सहित 287 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और उनके बयान को साबित करने के लिए ग्रुप-ए के 36 अधिकारियों सहित 198 लोगों को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने कहा कि 91 मामलों में ग्रुप-ए के 23 अधिकारियों सहित 124 व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया है।उन्होंने कहा कि ओडिशा विशेष न्यायालय अधिनियम, 2006 को लागू करने और उच्च सार्वजनिक तथा राजनीतिक पद धारण करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ डीए मामलों के विशेष परीक्षण के लिए राज्य में विशेष न्यायालयों की स्थापना करने में ओडिशा अग्रणी रहा है।

उन्होंने दावा किया कि राज्य ने भ्रष्टाचार के मामलों में 46 प्रतिशत दोषसिद्धि दर हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि 2022 में डीए मामलों में सजा की दर 77 प्रतिशत थी, जो एक दशक में सबसे अधिक थी।

कांग्रेस और भाजपा सदस्य हालांकि मंत्री के जवाब से संतुष्ठ नहीं हुए और नाराजगी जताते हुए विरोध में सदन से बहिर्गमन किया।


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