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कांग्रेस-भाजपा की सीधी टक्कर में लाल सिंह ताल ठोक रहे जम्मू-पुंछ सीट पर

मतदाताओं के हिसाब से राज्य के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र जम्मू-पुंछ में इस बार मुकाबला है

कांग्रेस-भाजपा की सीधी टक्कर में लाल सिंह ताल ठोक रहे जम्मू-पुंछ सीट पर
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जम्मू। मतदाताओं के हिसाब से राज्य के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र जम्मू-पुंछ में इस बार मुकाबला है तो त्रिकोणीय लेकिन आज तक हुए सभी लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक रोचक बन गया है।

कारण स्पष्ट है कि कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर में भाजपा के बागी उम्मीदवार चौधरी लाल सिंह ताल ठोक रहे हैं। जिनका इस क्षेत्र में अपना ठोस आधार है।

अगर इस सीट के चुनावी इतिहास पर एक नजर डालें तो तीन बार को छोड़ कर यह सीट हमेशा ही कांग्रेस के खाते में गई है लेकिन जम्मू-पुंछ लोकसभा सीट का इतिहास यह भी कहता है कि इस संसदीय क्षेत्र से कभी किसी ने हैट ट्रिक नहीं बनाई है। यही कारण था कि पिछले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार मदन लाल शर्मा जो तीसरी बार मैदान में उतरे थे हैट ट्रिक नहीं बना पाए थे।

हालांकि इस बार उम्मीद यही की जा रही है कि भाजपा के जुगल किशोर दूसरी बार इस सीट से जीत हासिल कर भाजपाा की डूबती इज्जत को बचा पाएंगें लेकिन उनके लिए चिंता का विषय कांग्रेंस-नेकां का प्रत्यक्ष गठजोड़ है और उसको मिलने वाला पीडीपी का अप्रत्यक्ष समर्थन है। जबकि डोगरों के मुद्दों पर भाजपा का साथ छोड़ने वाले लाल सिंह इस सीट पर भी ताल ठोक रहे हैं।

हालांकि कहा यही जा रहा है कि कभी कांग्रेस का गढ़ रही जम्मू-पुंछ संसदीय सीट में भाजपा टक्कर दे रही है। इस सीट से 13 नेता संसद तक पहुंचे हैं। उनमें आठ कांग्रेस के रहे हैं। वर्ष 1998 तक इस सीट पर कांग्रेस का एक छत्र राज रहा है। उसके बाद भाजपा सशक्त प्रतिद्वंद्वी के रूप में चुनावी मैदान में आई। इस बार भी चार सीमांत जिलों पर आधारित संसदीय सीट के लिए भाजपा व कांग्रेस में मुकाबला माना जा रहा है।

पैंथर्स पार्टी सहित दो निर्दलीय उम्मीदवार जीत बिगाड़ सकते हैं। जम्मू कश्मीर में पहले चरण में 11 अप्रैल को होने वाले मतदान का आगाज जम्मू-पुंछ और श्रीनगर-बड़गाम सीट से होगा। जम्मू-पुंछ के लिए 24 उम्मीदवार मैदान में हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों से एक ऊधमपुर डोडा क्षेत्र से दो बार सांसद रहे चुके चौधरी लाल सिंह और रिफ्यूजी नेता राजीव चुनी भी शामिल हैं। अलबत्ता, कोई अन्य निर्दलीय उम्मीदवार ऐसा नहीं है जो चुनावी समीकरण बिगाड़ सकता है।

इस सीट का इतिहास देखा जाए तो एक बार ही निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहा है। वर्ष 1977 यह सीट आजाद उम्मीदवार ठाकुर बलदेव सिंह ने जीती थी। इस बार भी मुख्य मुकाबला भाजपा के जुगल किशोर शर्मा और कांग्रेस के रमण भल्ला के बीच है। जम्मू पुंछ क्षेत्र चार सीमांत जिलों जम्मू, सांबा, राजौरी व पुंछ जिलों पर आधारित है।

मतदाताओं की संख्या 18,48,553 है। वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार जुगल किशोर विजयी रहे थे। कुल पड़े 13,05,078 वोटों में से 6,19,995 वोट जुगल को मिले थे। उन्होंने कांग्रेस के मदन लाल शर्मा को ढाई लाख वोटों से अधिक से पराजित किया था। वर्ष 2004 से 2014 तक क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद रहे मदन के भाई अपने समर्थकों समेत भाजपा में हैं। वह अखनूर में खासी पैठ रखते हैं। क्षेत्र के मतदाताओं के सहयोग ने ही मदन लाल शर्मा की जीत आसान की थी।


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