मध्यप्रदेश में 50 हजार कर्मचारियों का वेतन नहीं निकलने को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर
मध्यप्रदेश शासन की ओर से राज्य के 50 हजार कर्मचारियों के पिछले कुछ महीने से वेतन आहरण नहीं होने के मामले को लेकर सभी कोषालय अधिकारियों को निर्देश जारी करने के बीच कांग्रेस ने इस संबंध में सरकार पर हमला बोला है
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन की ओर से राज्य के 50 हजार कर्मचारियों के पिछले कुछ महीने से वेतन आहरण नहीं होने के मामले को लेकर सभी कोषालय अधिकारियों को निर्देश जारी करने के बीच कांग्रेस ने इस संबंध में सरकार पर हमला बोला है।
दरअसल आयुक्त कोष एवं लेखा कार्यालय के अंतर्गत एक राज्य वित्तीय इंटेलिजेंस सेल (एस.एफ.आई.सी.) संचालित है जो नियमित अंतराल पर कोषालय के डाटा का विश्लेषण करने के साथ कर्मचारियों के वेतन आहरण की मॉनिटरिंग भी करता है। इस सेल द्वारा ऐसे लगभग 50 हजार कर्मचारियों के कर्मचारी कोड के डेटा का विश्लेषण किया गया, जिनके पिछले चार महीनों से वेतन का आहरण कोषालय सॉफ्टवेयर से नहीं किया गया।
सेल द्वारा माह दिसंबर 2024 के डाटा का परीक्षण कर पाया गया कि ऐसे कर्मचारी हैं जिनके एम्पलाई कोड आवंटित है, फिर भी चार माह से वेतन आहरण नहीं किया जा रहा है, जिसके बाद इस संबंध में कार्यालय आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा सभी कोषालय अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि 15 दिन में कारण सहित पुष्टि करायी जाए कि कर्मचारियों द्वारा वेतन आहरण किस कारण से नहीं किया जा रहा है।
पिछले दो दिन में इस से जुड़ी मीडिया में आई खबरों के अनुसार राज्य के 50 हजार कर्मचारियों का वेतन बीते कुछ महीनों से कोषालय से नहीं निकाला गया है। इनके एम्पलॉई कोड हैं, लेकिन पहचान नहीं है, जिसके बाद कांग्रेस ने इसे लेकर एक बड़े घोटाले का आरोप लगा दिया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने संवाददाताओं से कहा कि कि राज्य में 50 हजार कर्मचारी 'गुम' हो गए हैं। लगभग 250 करोड़ रुपए का उनका वेतन निकाला नहीं गया है। सरकार ने इसके लिए जांच समिति बना कर कर्मचारियों को तलाशने को कहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस प्रदेश में चार लाख 50 हजार कर्मचारी हैं, उनमें से 50 हजार को तलाशना पड़े, तो ये कितनी बड़ी आर्थिक और प्रशासनिक अराजकता है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा, 'मध्यप्रदेश में 'भूत' भी सरकारी कर्मचारी! 23 मई को ट्रेज़री और अकाउंट्स विभाग के कमिश्नर भास्कर लक्षकार ने राज्य के सभी कोषालय अधिकारियों को एक अहम चिट्ठी लिखी। इस पत्र के अनुसार, राज्य के लगभग 50,000 कर्मचारियों की सैलरी पिछले 5-6 महीनों से ट्रेज़री से नहीं निकाली गयी। चौंकाने वाली बात यह है कि इन कर्मचारियों के एम्प्लॉयी कोड एक्टिव हैं, यानी तकनीकी रूप से उनकी सैलरी कभी भी निकाली जा सकती है लेकिन न पहचान है, न उपस्थिति।'
मध्यप्रदेश में 'भूत' भी सरकारी कर्मचारी!
— Umang Singhar (@UmangSinghar) June 6, 2025
23 मई को ट्रेज़री और अकाउंट्स विभाग के कमिश्नर भास्कर लक्षकार ने राज्य के सभी कोषालय अधिकारियों (DDO) को एक अहम चिट्ठी लिखी। इस पत्र के अनुसार, राज्य के लगभग 50,000 कर्मचारियों की सैलरी पिछले 5-6 महीनों से ट्रेज़री से नहीं निकाली गयी।…
इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये कर्मचारी 'अनपेड लीव' पर हैं या क्या इन्हें निलंबित किया गया है। क्या ये सभी सिर्फ कागजों पर हैं। अगर किसी कर्मचारी की सैलरी महीनों तक नहीं निकली, फिर भी उसे एग्जिट नहीं किया गया, तो ये किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है।


