राफेल मामले में कांग्रेस ने सीवीसी से की जांच कराने की मांग
कांग्रेस ने राफेल सौदे में मोदी सरकार पर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के बाद अब केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से इसकी जांच कराने की गुहार लगायी

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने राफेल सौदे में मोदी सरकार पर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के बाद अब केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से इसकी जांच कराने की गुहार लगायी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को यहां सीवीसी प्रमुख से मुलाकात करके उन्हें एक ज्ञापन सौंपा और आरोप लगाया कि इस सौदे में सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से ऑफसेट सौदे को अवैध तरीके से खत्म कर एक निजी कंपनी को यह काम दिया गया है और देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों के इस सौदे में रक्षा खरीद प्रकिया का उल्लंघन किया है और एक उद्योगपति को फायदा पहुंचाने का काम किया गया है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, मनीष तिवारी, जयराम रमेश, अभिषेक मनु सिंघवी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, विवेक तन्खा, प्रमोद तिवारी आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल तथा प्रणव झा शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने सीवीसी से कहा है कि सरकार राफेल विमानों की कीमत नहीं बता रही है। सीवीसी को सरकार से इन लड़ाकू विमानों की कीमत के साथ ही इस सौदे से संबंधित पूरी जानकारी मांगने का अधिकार है और सरकार सूचना उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। उन्होंने सीवीसी से मामले की पूरी पड़ताल करने का आग्रह किया है। इससे पहले पार्टी कैग से भी इस सौदे की जांच का अाग्रह कर चुकी है।


