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अदाणी पोर्ट पर 3 हजार किलो ड्रग्स की बरामदगी पर कांग्रेस ने केंद्र से पूछे तीखे सवाल

कांग्रेस ने मुंद्रा बंदरगाह (पोर्ट) पर अभी तक की ड्रग्स की सबसे बड़ी बरामदगी बताते हुए इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है

अदाणी पोर्ट पर 3 हजार किलो ड्रग्स की बरामदगी पर कांग्रेस ने केंद्र से पूछे तीखे सवाल
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने मुंद्रा बंदरगाह (पोर्ट) पर अभी तक की ड्रग्स की सबसे बड़ी बरामदगी बताते हुए इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह दुनिया में अवैध मादक पदार्थो की सबसे बड़ी जब्ती हो सकती है और इसके बावजूद सरकार ने चुप्पी साध रखी है। विपक्षी पार्टी ने इससे निपटने के लिए, खासकर अफगानिस्तान से आने वाली ड्रग्स को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर भी केंद्र को घेरा और कई सवाल उठाए।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "नवीनतम छापेमारी और लगभग 3 टन की जब्ती, न केवल भारत, बल्कि दुनिया में सबसे बड़ी अवैध ड्रग्स होनी चाहिए। लेकिन यह कैसे आई? इस दौरान सरकार और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो क्या कर रहे थे?"

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में भारत में मादक पदार्थों की तस्करी में काफी वृद्धि हुई है और यह कुछ वर्षों से चल रहा है, जो देश के युवाओं को तबाह कर सकता है।

खेड़ा ने पूछा कि क्या गुजरात तट नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए सबसे पसंदीदा मार्ग बन गया है और कहा कि ये खुलासे तो महज एक हिमशैल का सिरा (इससे कहीं अधिक ड्रग्स की तस्करी हो रही है) हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के बंदरगाहों के माध्यम से भारत में ड्रग्स की तस्करी का एक पैटर्न रहा है। उन्होंने पूछा, "सरकार और एनसीबी सुधारात्मक और सक्रिय कदम उठाने में क्यों विफल रहे हैं?"

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, "भारत सरकार, गुजरात सरकार और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की नाक के नीचे भारत में ऐसा ड्रग सिंडिकेट कैसे चल रहा है? यह अभी तक उजागर क्यों नहीं हुआ है? इस देश में ड्रग्स की खरीद और वितरण नेटवर्क चलाने वाले ये ऑपरेटर, आयातक और व्यक्ति/सिंडिकेट कौन हैं?"

उन्होंने कहा कि एक पूर्णकालिक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो प्रमुख का पद पिछले 18 महीने से खाली पड़ा है और इस संबंध में सरकार कुछ नहीं कर रही है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि गुजरात में अदाणी समूह के निजी स्वामित्व वाले बंदरगाह मुंद्रा पोर्ट पर पिछले हफ्ते तीन हजार किलो हेरोइन पकड़ी गई है, जिसकी सरकारी कीमत 9 हजार करोड़ रुपये है, जबकि मार्केट के लिहाज से इसकी कीमत 21 हजार करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गुजरात तट पाकिस्तान, ईरान या अफगानिस्तान से भारत में मादक पदार्थों की तस्करी का पसंदीदा मार्ग बन गया है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "आइए हम हाल के दिनों की घटनाओं के कालक्रम को समझें। जुलाई 2017 में एक भारतीय तटरक्षक पोत ने गुजरात के तट पर एक व्यापारिक जहाज से लगभग 3,500 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 1,500 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी। जनवरी 2020 में, मछली पकड़ने वाली नाव पर सवार पांच पाकिस्तानी नागरिकों को गुजरात के तट से दूर समुद्र के बीच में पकड़ा गया था, जब वे राज्य और देश में 175 करोड़ रुपये की ड्रग्स की तस्करी का प्रयास कर रहे थे।"

खेड़ा ने कहा, "अप्रैल 2021 में, एक नाव पर सवार आठ पाकिस्तानी नागरिकों को गुजरात के तट से 150 करोड़ रुपये की हेरोइन के साथ पकड़ा गया था। 17 सितंबर, 2021 को, एक ऑपरेशन के दौरान राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा तीन टन हेरोइन जब्त की गई थी। गुजरात के भुज में अदाणी समूह के निजी स्वामित्व वाले बंदरगाह मुंद्रा पोर्ट पर दो कंटेनर जब्त किए गए। हेरोइन की कीमत लगभग 21,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।"

खेड़ा ने कहा कि 18 सितंबर, 2021 को तटरक्षक बल और गुजरात पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते ने एक ईरानी नाव के खिलाफ संयुक्त अभियान में गुजरात के तट से 150 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 30 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी।

खेड़ा ने कहा कि ऐसा संदेह है कि यह हेरोइन मूल रूप से अफगानिस्तान से मंगवाई गई थी और ईरान की बांदर अब्बास बंदरगाह के माध्यम से तस्करी की गई थी।


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