Top
Begin typing your search above and press return to search.

किसानों के 'चक्का जाम' के समर्थन का कांग्रेस ने किया ऐलान

कांग्रेस ने किसान संगठनों के शनिवार को आयोजित चक्का जाम का समर्थन करते हुए कहा है कि पार्टी कार्यकर्ता चक्काजाम के दौरान पार्टी कार्यकर्ता किसानों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करेंगे और सरकार से कृष

किसानों के चक्का जाम के समर्थन का कांग्रेस ने किया ऐलान
X

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने किसान संगठनों के शनिवार को आयोजित चक्का जाम का समर्थन करते हुए कहा है कि पार्टी कार्यकर्ता चक्काजाम के दौरान पार्टी कार्यकर्ता किसानों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करेंगे और सरकार से कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लेने की मांग करेंगे।

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को यहां जारी एक वक्तव्य में कहा कि पार्टी किसान संगठनों के कल छह फरवरी को राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर दोपहर 12 से तीन बजे तक तीन घंटे के घोषित देशव्यापी चक्का जाम का समर्थन करेगी। पार्टी कार्यकर्ता किसानों के साथ अपनी प्रतिबद्धता निभाते हुए उन्हें अपना पूरा सहयोग देंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता एंबुलेंस, स्कूल बस, वृद्धों, रोगियों और महिलाओं तथा बच्चों को इस सांकेतिक बंद से कोई असुविधा न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखेंगे। उनका कहना था कि किसान पिछले 73 दिन से तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन कर रहे हैं और लाखों की संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण और गांधीवादी ढंग से विरोध में धरने पर बैठे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह आंदोलन किसानों की खेती बचाने के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बचाने का भी है जिसमें देश का गरीब, खेतिहर मजदूर, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग मजबूती से खड़ा है। सत्ता के अहंकार में चूर मोदी सरकार इस आंदोलन को बदनाम करने और आंदोलनकारियों को थकाने के लिए नित रोज नये हथकंडे अपना रही है।

वेणुगोपाल ने कहा कि कृषि मंत्री ने सदन में आज अपने वक्तव्य में भी संसद को गुमराह करने और देश को भटकाने की एक नयी कोशिश की है। सार्वजनिक तथ्य है कि किसान संगठन सरकार से 11 दौर की बैठकें कर चुके हैं जिसमें किसानों ने तीन कृषि कानूनों में विभिन्न खामियों का बिंदुवार ब्यौरा दिया है, जिसके बाद केन्द्र सरकार तीन कानूनों में 18 संशोधन करने की बात स्वीकार कर चुकी है। ऐसे में कृषि मंत्री का संसद में दिया गया वक्तव्य बेहद आपत्तिजनक और तथ्यों से परे है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए इन कृषि कानूनों को लागू किया है और इन्हें लागू करने से पहले न तो विपक्षी दलों की सलाह ली गयी और न ही किसान संगठनों से कोई चर्चा की गयी है। कोरोना के मुश्किल समय में चोरी-छुपे इन कानूनों को किसानों पर थोप दिया, जिसका देश के सभी किसान संगठन विरोध कर रहे हैं।

पार्टी महासचिव ने कहा कि कांग्रेस किसान आंदोलन का पूर्ण रुप से समर्थन करती रही है। कांग्रेस पार्टी, केन्द्र सरकार से एक बार फिर अनुरोध करती है कि वह अहंकार को त्यागे और किसानों की जायज मांगों को मानते हुए तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it