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सीएम केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर कांग्रेस, भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान करके राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी। उन्होंने आज कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग से नवंबर में ही विधानसभा चुनाव कराये जाने का आह्वान किया। दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है

सीएम केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर कांग्रेस, भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान करके राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी। उन्होंने आज कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग से नवंबर में ही विधानसभा चुनाव कराये जाने का आह्वान किया। दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है।

उनके इस ऐलान पर भाजपा और कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रियां सामने आई हैं।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के इस्तीफे पर कहा, “हम उनके इस फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने देर से ही सही, लेकिन अच्छा फैसला लिया है। लेकिन अब इसमें भी दो दिन का किस बात का इंतजार है, मुझे समझ नहीं आ रहा है। लेकिन जब जागो तभी सवेरा। मुझे खुशी होती अगर वह यह फैसला आज से चार महीने पहले लेते, जब दिल्ली की जनता विभिन्न प्रकार की दुश्वारियों से जूझ रही थी, लेकिन उस वक्त उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया।”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “मैं एक बार फिर इस बात पर बल देना चाहता हूं कि केजरीवाल ने बिल्कुल बेहतर फैसला लिया है, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि वह किस बात का इंतजार कर रहे हैं। आखिर दो दिन में ऐसा क्या बदल जाएगा, जिसका वह इंतजार कर रहे हैं। आखिर उन्हें इस्तीफा देना था, तो तुरंत देते। आखिर दो दिन का इंतजार किस बात का, हम तो पहले से ही इस बात पर जोर देते आए हैं कि जेल से रहकर बेहतर तरीके से प्रशासनिक व्यवस्था का संचालन नहीं किया जा सकता है। मैं फिर से इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि अगर वह यह फैसला चार महीने पहले लेते, तो ज्यादा बेहतर रहता।”

भाजपा नेता हर्ष मल्होत्रा ने केजरीवाल के इस्तीफा देने के ऐलान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “ऐसा मुख्यमंत्री जो दिल्ली की जनता के लिए कोई नीति निर्धारित करने की दिशा में किसी भी प्रकार का हस्ताक्षर नहीं कर सकता, उन्हें इस पद पर रहने का कोई नैतिक हक नहीं है। आम आदमी पार्टी में इतने सारे कार्यकर्ता हैं, उनमे से किसी एक को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए, ताकि दिल्ली की जनता को विकास का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री अब खुद के महिमामंडन में लग गए हैं। कहां शहीद-ए-आजम भगत सिंह, जिन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए जेल गए और फांसी के फंदे को चूमा। मैं तो कहता हूं कि केजरीवाल को शर्म आनी चाहिए। केजरीवाल देश के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्रियों की फेहरिस्त में शुमार हैं।”

बता दें कि आबकारी नीति मामले में जेल से सशर्त जमानत मिलने के बाद रविवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि दो दिन बाद विधायक दल की बैठक होगी। जिसमें आगे की पूरी रूपरेखा निर्धारित की जाएगी।


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