कांग्रेस का आरोप, भ्रष्ट लोगों को मंत्रीपद पर आसीन करके जनता से मिले स्पष्ट बहुमत का अपमान कर रहे केजरीवाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल भ्रष्ट लोगों को मंत्री पद पर आसीन करके दिल्ली की जनता से मिले स्पष्ट बहुमत का अपमान कर रहे हैं

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि भ्रष्ट आम आदमी पार्टी के मुखिया दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा जेल में जाने वाले शराब घोटाले के मुख्य आरोपी मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा मंजूर करने के बाद दिल्ली सरकार में शराब घोटाले के दागी सौरभ भारद्वाज और आतिशी को मंत्री बनाने के निर्णय से साबित होता है कि केजरीवाल के पास मंत्री बनाने के लिए साफ छवि वाले विधायक हैं ही नहीं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल भ्रष्ट लोगों को मंत्री पद पर आसीन करके दिल्ली की जनता से मिले स्पष्ट बहुमत का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने 28 दिसंबर, 2013 को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार के साथ शपथ लेने वाले छह मंत्रियों को कोहिनूर के रूप में वर्णित किया तो उनके ही छ: मंत्री अब तक जेल जा चुके हैं। केजरीवाल अब दो दागी विधायकों को मंत्रियों के रूप में नियुक्त करने के लिए मजबूर हो गये हैं।
आगे अनिल कुमार ने कहा कि उन्होंने कहा कि पहली सरकार में 2015 में मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज ने घोटाला किया किया था। जिसके कारण उन्हें खुद केजरीवाल द्वारा ही दोहराया नही गया, अब मजबूरी में उन्हें मंत्री बनाया गया है और नगर निगम में 3 महीने तक मेयर चुनाव होने में अड़चने पैदा करवाने वाली आतिशी को मंत्री पद देना दिल्ली के भविष्य के लिए नुकसान देय साबित होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम के इतिहास में जो दुर्भाग्यपूर्ण घटनाऐं पहले कभी नही हुई आतिशी ने वह सभी मेयर चुनाव में निगम सदन में करवा दी, जिसके दिल्लीवासी साक्षी हैं कि कैसे आदमी पार्टी के पार्षदों ने निगम सदन को गुंडागर्दी का अड्डा बनाकर संवैधानिक प्रक्रिया और लोकतंत्र की मर्यादाओं को शर्मसार कर दिया।
अंत में अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में जल संकट से आधी से अधिक दिल्ली परेशान है। परंतु मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और जल बोर्ड उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज जल संकट से राहत दिलाने की बजाय अपनी प्रवृति अनुसार दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं कि हरियाणा से पानी नहीं मिल रहा है, इस कारण दिल्ली में जल संकट उभरा है। जब दिल्ली को जल की मांग 1290 एमजीडी है और केवल 990 एमजीडी पानी मिल रहा है तब कैसे संभव है दिल्लीवासियों की जल आपूर्ति होगी।
क्या दिल्ली सरकार को यमुना का जलस्तर 2.8 फीट नीचे पहुंचने से पहले ही जल आपूर्ति हेतू समीप राज्यों से चर्चा नही करनी चाहिए थी। दिल्ली में जल संकट उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज की विफलता के कारण आया है। अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड को घाटे में पहुंचा दिया जो कांग्रेस के शासन काल में मुनाफा कमा रहा था।


