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राफेल पर कांग्रेस के अारोप झूठे, राजग सौदा बेहतर

 केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार के कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया

राफेल पर कांग्रेस के अारोप झूठे, राजग सौदा बेहतर
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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार के कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया और कहा कि विमान के साथ लगने वाले हथियारों और भारत केंद्रित अनुकूलन के साथ विमान की कीमत संप्रग सरकार द्वारा तस किए गए सौदे से कम से कम 20 फीसदी कम है। उन्होंने एक ब्लॉगपोस्ट में कांग्रेस पर इस सौदे में करीब एक दशक की देरी का आरोप लगाया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदे के तथ्यों से वाकिफ नहीं हैं।

जेटली ने कहा, "क्या राहुल गांधी विमान की कीमत से अवगत हैं, जिसे 2007 में एल1 बोली में तय किया गया था? क्या वह इस बात से अवगत हैं कि इसमें एक वृद्धि उपबंध था, जिसके कारण 2015 में जब राजग ने सौदा तय किया, तब दामों में वृद्धि हो होनी थी? क्या प्रत्येक विमान की आपूर्ति तक वृद्धि उपबंध के कारण कीमतों में वृद्धि जारी नहीं रहेगी? क्या इस अवधि के दौरान रुपये और यूरो के बीच विनिमय दर में काफी अंतर के बारे में सोचा गया?"

उन्होंने कहा, "क्या राहुल गांधी उस बात को खारिज कर सकते हैं, जिसमें मूल विमान में भारत केंद्रित अनुकूलन, हथियार जैसे अन्य सामान लगाने पर मूल विमान की कीमत संप्रग द्वारा तय की गई कीमत, राजग की अधिक हितकारी मूल्य की तुलना में कम से कम 20 फीसदी अधिक हो जाती।"

पिछले साल मनोहर पर्रिकर के पद छोड़ने के बाद करीब सात महीने तक रक्षामंत्री का पद संभाल चुके वित्तमंत्री ने रेखांकित किया कि बिना हथियार के एक लड़ाकू विमान केवल उड़ने वाला उपकरण है, जिसका लड़ाई की स्थिति में कोई उद्देशय नहीं हो सकता।

जेटली ने कहा, "क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस बात से इनकार कर सकते हैं कि कुल अनुबंधित लागत में मूल विमान के साथ हथियार, भारतीय अनुकूलन, भविष्य में आपूर्ति और रखरखाव जैसी अतिरिक्त चीजें शामिल करने के बाद राजग का सौदा 2007 के एल1 प्रस्ताव से बेहतर हो गया है?"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लड़ाकू विमानों के लिए अधिक राशि भुगतान करने, एक उद्योगपति का पक्ष लेने और सार्वजनिक क्षेत्र के हितों के साथ समझौता करने को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ झूठा अभियान चला रखा है।

जेटली ने कहा, "ये सभी मुद्दे केवल और केवल झूठ पर आधारित हैं। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और उनके जिम्मेदार राजनेताओं से इस प्रकार की उम्मीद की जाती है कि वे रक्षा लेनदेन पर जनता के बीच जाने से पहले तथ्यों की जांच कर लें।"

उन्होंने कहा, "कीमत और प्रक्रिया पर गांधी और कांग्रेस द्वारा बोले गए सभी तथ्य पूरी तरह झूठे हैं।"

उन्होंने कहा कि भारतीय अनुकूलन के साथ 36 राफेल विमानों की आपूर्ति भारत को उड़ने की स्थिति में की जाएगी और भारत में इन 36 विमानों के विनिर्माण की सुविधा नहीं है।

मंत्री ने कहा, "संप्रग एक ऐसी सरकार थी, जो निर्णय लेने की निर्बलता से जूझ रही थी। क्या आप मानेंगे कि एक दशक से ज्यादा की देरी केवल और केवल संप्रग सरकार की अक्षमता और हिचकिचाहट की वजह से हुई?"

जेटली ने कहा, "क्या इस देरी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता नहीं किया? क्या हमारी सेनाओं को लक्ष्य की पहचान कर और हमला करने के लिए मध्यम बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमानों की आवश्यकता नहीं है, विशेषकर उस स्थिति में जब हमारे दोनों पड़ोसी इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ा चुके हैं?"

जेटली ने सवाल किया, "क्या संप्रग की तरफ से यह विलंब और उसके बाद खरीद को टाल देना उस घटनाक्रम पर आधारित था, जो इसके पहले 155 मिमी के बोफोर्स तोप की खरीद जैसे लेनदेन में देखने को मिली थी?"

मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी को राफेल सौदे से जुड़े तथ्यों की जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा, "कैसे गांधी ने अप्रैल व मई में दिल्ली और कर्नाटक में प्रत्येक विमान की कीमत 700 करोड़ रुपये बताई थी? संसद में उन्होंने कीमत घटाकर 520 करोड़ प्रति विमान कर दी, रायपुर में उन्होंने इसे बढ़ाकर 540 करोड़ रुपये कर दिया। जयपुर में उन्होंने एक ही भाषण में 520 और 540 करोड़ रुपये कीमत बताया था।"

उन्होंने पूछा, "सच का केवल एक रूप होता है और झूठ के कई। क्या ये आरोप राफेल की खरीद से जुड़े तथ्यों की जांच किए बिना लगाए गए हैं।"


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