Top
Begin typing your search above and press return to search.

जतिन मेहता पर कांग्रेस के आरोप सरासर झूठे : भाजपा

जौहरी जतिन मेहता को भारत से भागने में राजग सरकार पर मदद करने के कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि मेहता संप्रग शासन के दौरान ही भारत से भी भाग गया था

जतिन मेहता पर कांग्रेस के आरोप सरासर झूठे : भाजपा
X

नई दिल्ली। जौहरी जतिन मेहता को भारत से भागने में राजग सरकार पर मदद करने के कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि मेहता संप्रग शासन के दौरान ही भारत से भी भाग गया था। वह न केवल 'टॉक्सिक ऐसेट्स' (एक ऐसी संपत्ति जिसका कोई मोल न रह गया हो) जमा किए भागा, बल्कि पीएनबी समेत कई बैंकों को 6,712 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "अधिकतम अग्रिमों व लेटर ऑफ क्रेडिट और सभी ऋण सितंबर 2010 और फरवरी 2013 के बीच लिए गए थे। अगर वहां उचित परिश्रम की कमी हुई या इन अग्रिमों को उपलब्ध कराने में बैंकिंग क्षेत्र में संलिप्तता हुई, जो भी हुआ वह पूरी तरह से पिछली संप्रग सरकार के दौरान हुआ।"

कांग्रेस का सवाल है कि अगर ये घोटालेबाज पिछली सरकार के दौरान भागे, तो भाजपा और उसकी सरकार चार साल से क्या कर रही थी, कार्रवाई क्यों नहीं की और यही आरोप कांग्रेस पर पहले क्यों नहीं लगाया?

पुरी, कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दे रहे थे। दरअसल, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि आरोपी जौहरी ने राजग शासनकाल के दौरान बैंकों को 6,712 करोड़ रुपये का चूना लगाया और प्रधानमंत्री चुपचाप देखते रहे।

मंत्री ने सफाई देते हुए कहा, "इन ऋणों में से ज्यादातर ऋण संप्रग के दूसरे शासनकाल में दिए गए। संप्रग के पहले शासनकाल में कुछ ऋण वितरित किए गए थे।"

पुरी ने कहा कि मेहता की देश में आखिरी उपस्थिति और देश से निकासी 25 जुलाई 2013 को हुई थी। उस वक्त सत्ता में संप्रग सरकार थी।

उन्होंने कहा, "यह सुझाव देना कि राजग सरकार इन 'टॉक्सिक ऐसेट्स' या इन डिफॉल्टों की पीढ़ी के साथ कुछ कर रही है, वह सरासर झूठ है। यह ऐसा है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। कांग्रेस के आरोप बेतुके हैं।"

पुरी ने कहा कि मेहता ने 2012 में सेंट किट्टस की नागरिकता हासिल की थी और इसके बावजूद वह चार बार भारतीय पासपोर्ट पर भारत आया।

उन्होंने कहा, "उसने 2012 में सेंट किट्टस की नागरिकता हासिल की थी और भारत की यात्रा करने के लिए आठ बार समान पासपोर्ट प्रयोग किया। उसने अपने भारतीय पासपोर्ट के वैधता समाप्त होने से पहले ही सेंट किट्टस की नागरिकता हासिल कर ली थी। ऐसा लगता है कि उसे ओसीआई कार्ड हासिल करने के लिए विशेषाधिकार दिया गया था।"

उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के तुरंत बाद मेहता के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।

उन्होंने कहा, "उसके खिलाफ पहली शिकायत सितंबर 2014 में दर्ज की गई थी। सीबीआई और ईडी ने भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद उसके खिलाफ मामले दर्ज किए थे। केवल 2017 में ही कम से कम छह प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it