'राफेल घोटाले' में नए खुलासों के साथ कांग्रेस फिर सीएजी के पास गई
कांग्रेस ने गुरुवार के राफेल सौदे मामले में दूसरी बार भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) राजीव महर्षि से मुलाकात की

नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार के राफेल सौदे मामले में दूसरी बार भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) राजीव महर्षि से मुलाकात की और उनसे संसद में रिपोर्ट दाखिल करने से पहले राफेल सौदे का ऑडिट करने का आग्रह किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और आनंद शर्मा की अगुवाई में पार्टी प्रतिनिधियों ने सीएजी से मुलाकात की और सौदे पर 'नई जानकारियां व खुलासे' वाले दस्तावेज सौंपे, जिसमें उनके दावे के अनुसार, बताया गया है कि सौदे से सरकारी खजाने को 41,205 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
शर्मा ने बैठक के बाद कहा, "हम नई जानकारियों और राफेल सौदे के खुलासे के साथ सीएजी से मिले। इस मामले में अभी और खुलासे होने वाले हैं। संसद में रिपोर्ट दाखिल होने से पहले सभी जानकारियों और दस्तावेजों का सीएजी द्वारा फोरेंसिक ऑडिट होना चाहिए। जब ये तथ्य रिकार्ड में आ जाएंगे, कांग्रेस तब सभी दस्तावेजों को अपने अधीन लेने और उसके बाद जवाबदेही तय करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) से जांच पर जोर देगी।"
कांग्रेस ने इससे पहले 19 सितंबर को इस बाबत सीएजी से मुलाकात की थी। पार्टी ने उस दौरान कई कथित अनियमितताओं के विवरण वाला एक ज्ञापन सौंपा और दावा किया कि इससे राजकोष को भारी नुकसान हुआ और देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया गया।
मामले की जांच करवाने को लेकर कांग्रेस केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास भी गई थी और इस संबंध में एफआईआर दर्ज करवाया था। पार्टी ने सीवीसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'एकतरफा' सौदे की घोषणा से संबंधित दस्तावेज को जब्त करने की मांग की थी।


