कांग्रेस ने मोदी पर लगाया राष्ट्रीय सुरक्षा के राजनीतिकरण का आरोप
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'सैनिकों के रक्त और शहादत का इस्तेमाल वोट बटोरने के औजार के रूप में करने का' आरोप लगाया

नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'सैनिकों के रक्त और शहादत का इस्तेमाल वोट बटोरने के औजार के रूप में करने का' आरोप लगाया। मुंबई आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर सोमवार को कांग्रेस ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार पर पााकिस्तान के साथ ढुलमुल नीतियां अपनाने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान संबंधी नीतियां बदलने के कारण ही सरकार मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकी-उर रहमान लखवी समेत अन्य अपराधियों के खिलाफ जांच करवाने में विफल रही।
कांग्रेस ने मोदी द्वारा सोमवार को राजस्थान में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई। मोदी ने कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कभी राजनीति नहीं की। इस पर कांग्रेस ने उनको 'झूठ बोलने का बादशाह' बताया।
कांग्रेस ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे सैनकों की शहादत का राजनीतिकरण करना भाजपा के लिए स्वभाविक है।"
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "पिछले साढ़े चार साल में मोदी सरकार की पाकिस्तान को लेकर नीतियां बदलती (फ्लिप-फ्लॉप) रही हैं जिसके कारण मुंबई आतंकी हमले के अन्य अपराधियों के खिलाफ जांच नहीं हो पाई और वे पाकिस्तान में आज खुले घूम रहे हैं।"
उन्होंने मोदी को याद दिलाया कि कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने अजमल कसाब को 2012 में फांसी पर लटकाया और एक मास्टरमाइंड डेविड हेडली को दोषी करार दिया गया।
सुरजेवाला ने हमले के मास्टरमाइंड और लश्करे तैयबा कमांडर जकी-उर रहमान लखवी का जिक्र करते हुए कहा, "आतंकी हमले का राजनीतिकरण करने का कोई अवसर नहीं छोड़ने वाले मोदी क्या मुंबई आतंकी हमले के हमलावारों की जांच करवाने को लेकर अपनी सरकार के पिछले रिकॉर्ड के संबंध में जवाब देंगे।" पाकिस्तान सरकार ने लखवी की जमानत को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की कोई योजना नहीं होने का संकेत देकर दरअसल उसको दोषमुक्त करार दे दिया है।
भाजपा के 54 महीने के शासन काल में लगातार आतंकी हमले होने का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने और राष्ट्रहित के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "इन 54 महीनों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने 426 सैनिकों और 278 नागरिकों की जानें ले लीं।"
कांग्रेस ने मोदी पर भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया और कहा कि मई 2014 के बाद पाकिस्तान की ओर से युद्ध विराम उल्लंघन की घटनाएं 500 फीसदी बढ़ गई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में सैन्यबल का बजट जो आवंटित किया है वह सकल घरेलू उत्पाद का 1.58 फीसदी है जोकि 1962 के बाद सबसे कम है।
उन्होंने मोदी पर 'डोकलाम में चीन की किलेबंदी' और देश में वामपंथी उग्रवाद को सिर उठाने का मौका देने का भी आरोप लगाया।


