कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया रिश्वत देने का आरोप
गुजरात में पाटीदार आंदाेलन के एक प्रमुख नेता के भाजपा पर रिश्वत की पेशकश करने के आरोप को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिये धनबल और गैर-कानूनी तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया

नयी दिल्ली। गुजरात में पाटीदार आंदाेलन के एक प्रमुख नेता के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर एक करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश करने के आरोप को लेकर कांग्रेस ने आज भाजपा पर चुनाव जीतने के लिये धनबल और गैर-कानूनी तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया वहीं सत्तारुढ़ दल ने उसे ‘ड्रामेबाज़ पार्टी नंबर वन’ करार दिया।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए “गैर-कानूनी काम” करने का अाराेप लगाते हुए यहाँ कहा कि जनता का उन पर से भरोसा उठ गया है।
वह धन बल के आधार पर चुनाव जीतने की फिराक में है। इसके लिए विरोधी दलों और समूहों में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है।
गुजरात में पाटीदार आंदोलन के एक नेता ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने पार्टी में शामिल होने के लिए उन्हें एक कराेड़ रुपये की पेशकश की है। श्री तिवारी ने कहा कि इससे साफ होता है कि भाजपा चुनाव में उतरने से डर रही है।
इसलिए चुनावों के परिणाम बदलने के लिए गैर-कानूनी तरीके अपना रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने इस घटना को लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया और कहा कि इस आरोप पर गुजरात भाजपा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और पूरे मामले की गुजरात उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच करायी जानी चाहिए।
भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर जवाबी हमला बोलते हुये उसे ‘ड्रामा पार्टी नंबर वन’ करार दिया।
उन्होंने श्री अल्पेश ठाकोर के आज कांग्रेस में शामिल होने का उल्लेख करते हुये कहा कि वह एनएसयूआर्इ का कार्यकर्ता है अौर हाल ही में कांग्रेस के टिकट पर मेहसाणा पंचायत का चुनाव लड़ चुका है। अल्पेश के पिता मेहसाणा के जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं।
एेसे में पैदाइशी कांग्रेसी अल्पेश ठाकोर को कांग्रेस में शामिल कराने का राजनीतिक ड्रामा यह साबित करता है कि कांग्रेस अब ‘ड्रामेबाज पार्टी नंबर वन’ बन गयी है।
पाटीदार समुदाय के एक नेता को एक करोड़ रुपये में खरीदे जाने के विवाद पर श्री प्रसाद ने कहा कि वह नेता एक करोड़ रुपये में खरीदने की कोशिश का आरोप लगा रहा है, लेकिन केवल 10 लाख रुपये दिखा रहा है।
उससे यह पूछा जाना चाहिए कि बाकी 90 लाख रुपये कहां गये।
उन्होंने कहा कि भाजपा पर खरीद फरोख़्त का आरोप लगाने वाली पार्टी को याद रखना चाहिए कि भाजपा के सांसदों को भी खरीदने का प्रयास हुआ था और उन सांसदों ने संसद में पूरे एक करोड़ रुपये पेश किए थे।
लोगों को याद है कि भाजपा के सांसदों को खरीदने की कोशिश किसने की थी।


