कांग्रेस, आप, भाजपा के लिए सिर दर्द बने बागी
दिल्ली नगर निगम का चुनाव प्रचार अब धीरे धीरे चरम पर पहुंच रहा है और नेताओं के पाला बदलने के साथ बागी तेवर भी जमीन पर दिख रहे हैं

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम का चुनाव प्रचार अब धीरे धीरे चरम पर पहुंच रहा है और नेताओं के पाला बदलने के साथ बागी तेवर भी जमीन पर दिख रहे हैं।
पार्टियों का गणित बिगाड़ने वाले ये बागी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।
कई स्थानों पर ये बागी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के सामने कड़ी चुनौती भी दे रहे हैं। भाजपा ने इस पर सख्ती दिखाते हुए जहां अपने सभी नेताओं को काम करने के निर्देश दिए हैं वहीं बागियों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है।
बाहरी दिल्ली के बवाना, नगर निगम चुनावों में टिकट न मिलने से नाराज होकर बगावत करने वाले उत्तर पश्चिमी जिला के बवाना मंडल अध्यक्ष पवन सहरावत को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है और तुरंत प्रभाव से बवाना मंडल अध्यक्ष का पद बलराम राणा को संभालने के लिए कहा गया है।
पवन अपनी पत्नी के लिए नांगल ठकरान वार्ड से टिकट मांग रहे थे। दूसरी तरफ बीते कई दिनों में आम आदमी पार्टी में भी कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए हैं।
कांग्रेस की ग्रीवेंस सेल के चेयरमैन राजकुमार गुप्ता ने पार्टी छोड़ कर आप की सदस्यता ले ली और अलग अलग दो दर्जन कार्यकर्ता आप में शामिल हो चुके हैं। जबकि भाजपा के पूर्व पार्षद डा. चांदीराम रांगी, हिन्द कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, धर्मपाल भीलवाड़ा और आप नेता बब्लू खान ने कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया।


