कांग्रेस, आम आदमी पार्टी ने लोंगोंवाल को धोखा देकर राज्य के हितों से किया समझौता : बादल
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब को परेशानी का सामना करना पड़ रहा क्योंकि केंद्र की सरकारों ने नदी जल अधिकार बहाल करने और चंडीगढ़ और पंजाबी भाषा क्षेत्रों को स्थानांतरित करने सहित राज्य की न्यायोचित मांगों को मानने से इन्कार कर दिया है

लोंगोंवाल। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब को परेशानी का सामना करना पड़ रहा क्योंकि केंद्र की सरकारों ने नदी जल अधिकार बहाल करने और चंडीगढ़ और पंजाबी भाषा क्षेत्रों को स्थानांतरित करने सहित राज्य की न्यायोचित मांगों को मानने से इन्कार कर दिया है।
संत हरचंद सिंह लोंगोवाल की शहादत की याद में आयोजित कांफ्रेंस में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये अकाली दल अध्यक्ष ने कहा,‘‘ संत जी ने पंजाब के लिये सर्वोच्च बलिदान दिया, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें धोखा दिया, जिसने उनके साथ-साथ पंजाब के लोगों से किये गये वादों को लागू करने से इन्कार दिया।’’
उन्होंने कहा कि अभी भी संत लोंगोंवाल को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों द्वारा धोखा दिया जा रहा है, जिन्होंने नदी जल पर राज्य के रूख के साथ-साथ चंडीगढ़ को पंजाब में हस्तांतरित करने पर समझौता किया है।
श्री बादल ने कहा,‘‘ अब समय आ गया है कि सिख समुदाय अपने लोगों को पहचाने और भगवंत मान जैसे गददारों की पहचान करे जो डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ बोलने या यहां तक कि धारा 295-ए के तहत उनके खिलाफ उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिये तैयार नहीं है। उन्होने लोगों से मुख्यमंत्री भगवंत मान को मिले भारी जनादेश के बारे में सोचने की अपील करते हुये कहा,‘‘ उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद आपको छोड़ दिया और जब आपके खेतों में पानी भर गया या फिर कुछ और हुआ तो भी वह आपसे मिलने नहीं आये।’’
उन्होंने कहा कि हर कोई अकाली दल को निशाना बना रहा है, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर ऐसा किया गया तो सिख समुदाय कमजोर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इसीलिये अकाली दल को कमजोर करने के बाद शिरोमणि कमेटी को तोड़ दिया गया और हरियाणा के लिये एक अलग गुरुद्वारा कमेटी बना दी गयी। उन्होंने कहा कि श्री हजूर साहिब कमेटी को भी सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया और दिल्ली कमेटी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा ने अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के साथ भी यही हो रहा है, क्योंकि उनकी लीडरशीप कमजोर हो गयी है। उन्होंने कहा कि जब अकाली दल मजबूत था तो सिख समुदाय के धार्मिक मामलों में किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया और हमें यह हस्तक्षेप बंद करने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।
श्री बादल ने कहा कि संत लोंगोवाल को सबसे उचित श्रद्धांजलि यही होगी कि हमें शिरोमणि अकाली दल को मजबूत करने का संकल्प करना चाहिये। उन्होंने ऐतिहासिक सभा को यह भी आश्वासन दिया कि चाहे कुछ भी हो जाये , वे शिरोमणि अकाली दल के सिद्धांतों से कभी समझौता नही करेंगे।
इस अवसर पर एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि कैसे राज्य में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनायें लगातार हो रही हैं, लेकिन आप सरकार इसके पीछे की साजिश को बेनकाब करने के लिये कुछ भी नहीं कर रही है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोंवाल ने इमरजेंसी के दौरान मोर्चे की अगुवाई करने में संत लोंगोंवाल की भूमिका पर प्रकाश डालते हुये उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने लोगों से सत्ता लालच में आये बिना संघवाद , पंथ और पंजाब के लिये खड़े होने के अकाली दल अध्यक्ष के प्रयासों का समर्थन करने की अपील की है।


