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चंद्रयान-2 की सफलता पर इसरो को देश ने दी बधाई

भारत के बाहुबली जीएसएलवी रॉकेट द्वारा चंद्रयान-2 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण पर राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मिशन की प्रशंसा करते हुए इसरो को बधाइयां दी

चंद्रयान-2 की सफलता पर इसरो को देश ने दी बधाई
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नई दिल्ली। भारत के बाहुबली जीएसएलवी रॉकेट द्वारा चंद्रयान-2 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण पर सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मिशन की प्रशंसा करते हुए इसरो को बधाइयां दीं। चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के लिए ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण क्षण बताया।

राष्ट्रपति ने एक ट्वीट के जरिए कहा, "श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 का ऐतिहासिक लांच भारत के लोगों के लिए गौरव का क्षण है। भारत के देसी अंतरिक्ष कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। इसरो नई प्रौद्योगिकी में निपुणता प्राप्त करने का कार्य जारी रखे और नई बुलंदियों पर विजय प्राप्त करते रहे।"

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि चंद्रयान-2 भारत का देसी तकनीक से विकसित अंतरिक्ष यान है। इसका प्रक्षेपण भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 द्वारा किया गया है। चंद्रयान-2 कुछ ही सप्ताह में चांद की धरातल पर उतरेगा जिसके बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

अब से 50 दिनों के भीतर चंद्रयान-2 चंद्रमा के धरातल पर कदम रखेगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरने वाला यह पहला अंतरिक्ष यान होगा।

उन्होंने कहा, "इस मिशन से नई खोज का सूत्रपात करने और हमारी ज्ञान-प्रणाली को समृद्ध करने की उम्मीद की जाती है। मैं चंद्रयान-2 की टीम की हर सफलता की कामना करता हूं।"

मोदी ने इसे विशेष क्षण करार देते हुए कहा कि यह क्षण हमारे गौरवमय इतिहास में दर्ज होगा।

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 का लांच विज्ञान की नई हदों को पार करने की दिशा में हमारे वैज्ञानिकों के कौशल और 130 करोड़ भारतीयों के संकल्प को प्रतिबिंबित करता है।

मोदी ने श्रंखलाबद्ध ट्वीट के जरिए कहा, "आज हर भारतीय गौरवान्वित हैं।"

उन्होंने कहा कि सही मायने में पूर्ण रूप से देसी अभियान चंद्रयान से हर भारतीय अतिशय आनंद का अनुभव कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "इसमें चांद की दूर संवेदना के लिए एक ऑर्बिटर (उपग्रह) के साथ-साथ चंद्रतल के विश्लेषण के लिए लैंड-रोवर मॉड्यूल भी होगा।"

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 अप्रतिम है क्योंकि यह चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र की खोज करेगा और उसका अध्ययन करेगा जिसकी खोज पहले किसी भी मिशन में नहीं किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "इस मिशन से चांद के संबंध में नई जानकारी मिलेगी। चंद्रयान-2 जैसे प्रयासों से आगे हमारे मेधावी युवा विज्ञान, उच्च गुणवत्ता के अनुसंधान व नवोन्मेष के प्रति उत्साहित होंगे।"

मोदी ने कहा, "चंद्रयान से भारत के चंद्रमा से संबंधित कार्यक्रम को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। चांद के संबंध में हमारी जानकारी काफी बढ़ेगी।"

चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद उन्होंने वैज्ञानिकों और इस अभियान की टीम के लिए एक ऑडियो संदेश भी जारी किया और इसरो को बधाई दी।

मोदी ने 3.21 मिनट के अपने ऑडियो संदेश में इसरो से कहा, "यह लांच देश और देशवासियों के लिए गौरव का क्षण है। यह हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा की शानदार मिसाल है।"

गृहमंत्री अमित शाह ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक और बेंचमार्क स्थापित करने के लिए इसरो की टीम को बधाई दी।

उन्होंने मोदी को भी संस्थानों को हर बार नया मानक स्थापित करने को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद दिया।

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल ने भी इसरो की टीम को बधाई दी।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "अगर अपोलो-11 के चंद्र तल पर उतरने को मानवता के लिए बड़ी छलांग माना जाता है तो चंद्रयान-2 को महिलाओं के लिए बड़ी छलांग के रूप में याद किया जाएगा। वैज्ञानिक एम. वनिता और रीतू करिधल की अगुवाई में इसरो की टीम को चांद के दक्षिण ध्रुव की भारत की छलांग के लिए बधाई।"

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने मिशन की महती सफलता की कामना की।

कांग्रेस ने भी चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो की टीम को बधाई दी। पार्टी ने इस अवसर पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को याद किया।

कांग्रेस ने ट्वीट के जरिए कहा, "यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के दूरदर्शी कदम को याद करने का क्षण है जिन्होंने 1962 में आईएनसीओएसपीएआर (जो बाद में इसरो बन गया) के जरिए अंतरिक्ष अनुसंधान को धन मुहैया करवाया था।"

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेख राव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसे ऐतिहासिक बताते हुए इसरो की टीम को बधाइयां दीं।

जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क-3 (जीएसएलवी-एमके-3) श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर बाद 2.43 बजे अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ।

करीब 16 मिनट की उड़ान में रॉकेट ने चंद्रयान-2 को कक्षा में प्रक्षेपित किया। इसके साथ चंद्रयान-2 चंद्रतल पर कदम रखने के अपने 48 दिनों के सफर पर चल पड़ा।

चंद्रयान-2 की कामयाबी से भारत चांद की धरातल पर अपना यान उतारने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले यह कामयाबी रूस, अमेरिका और चीन हासिल कर चुका है।


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