संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के मुद्दे पर कांग्रेस ने विधानसभा से किया बहिर्गमन
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के मामले में आज मध्यप्रदेश विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने विभागीय मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर दिया।

भोपाल। कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के मामले में आज मध्यप्रदेश विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने विभागीय मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर दिया।
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक सुरेन्द्र सिंह बघेल ने यह मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हड़ताल के चलते खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो चुकी हैं। सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही है। वर्ष 2013 में इन कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान लिखित आश्वासन दिया गया था कि तीन माह में उनकी मांगें मान ली जाएंगी। इसके बावजूद अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई हैं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह ने अपने जवाब में आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि कर्मचरियों की मुख्य मांग नियमितीकरण की है। उनको नियमित करना संभव नहीं है। सरकार ने नियमितीकरण को छोड़कर संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की सभी जायज मांगें मानी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि नियमित भर्ती में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को बोनस अंक दिए जाते हैं। इसके बावजूद वे बार-बार हड़ताल पर चले जाते हैं। यह गलत और अमानवीय तरीका है।
स्वास्थ्य मंत्री के उत्तर पर श्री बघेल का कहना था कि स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों को लेकर सरकार ने गंंभीरता नहीं बरती। मंत्री श्री सिंह का कहना था कि नियमितीकरण को छोड़कर लगभग सभी मांगें मान ली गई हैं।
इस बीच भाजपा के बहादुर सिंह चौहान खड़े हो गए और उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इस मामले में राजनीति कर रह है। इस पर विपक्ष के सदस्य खड़े होकर एक साथ बोलने लगे। शोरगुल के बीच कांग्रेस के सदस्यों ने मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर दिया।


