अभाविप में छोटे व बड़े नेताओं के बीच टकराव की स्थिति
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मुद्दों से भटकती दिखलाई पड़ रही है
रायपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मुद्दों से भटकती दिखलाई पड़ रही है। इसमें प्रदेश स्तर के कार्यकारिणी में शामिल छोटे व बड़े नेताओं के बीच टकराव की स्थिति सामने आ गई है। पिछले दिनों एक प्रदर्शन के बाद हटाए गए दो पदाधिकारियों ने बड़े स्तर के नेताओं पर निशाना साधा और आरोप लगाया है कि वे संगठन को व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते छात्र-छात्राओं से नहीं जोड़ पा रहे हैं।
यहां तक कि संगठन छात्र हित के साथ शैक्षिक मुद्दों पर सदैव लड़ाई लड़ते रहा है। लेकिन वर्तमान कार्यकारिणी में बड़े नेता अपरोक्ष रूप से स्वयं का फायदा के कारण संगठन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। निष्कासन पर इन पदाधिकारियों का कहना था कि वे अपना विरोध राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाएंगे। साथ ही अपनी बात रखने का प्रयास होगा। गौरतलब है कि अभाविप में जिला संयोजक ग्रामीण राजेश फरिकार एवं प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य जय प्रकाश फूटान को पिछले दिनों प्रदेश कार्यकारिणी में संगठन मंत्री मधुसूदन जोशी ने संगठनात्मक गतिविधियों में बिना अनुमति कार्य करने के चलते निष्कासित कर दिया है। यह निष्कासन इन दोनों पदाधिकारियों को मीडिया के माध्यम से पता लगा है। जबकि संगठन की ओर से कोई लिखित में पत्र भेजकर जानकारी नहीं दी गई है।
इस पर इन पदाधिकारियों का आरोप है कि संगठन मंत्री और छोटे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में भेदभाव रखते हैं। सभी को समान अवसर नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से अभाविप की पिछले एक वर्ष से कोई महत्वपूर्ण संगठन स्तर की बैठक नहीं हुई है। जबकि छोटे पदाधिकारी व कार्यकर्ता संगठन को सक्रिय व जीवित बनाए रखने के लिए विभिन्न छात्र हित के मुद्दों में उठाते रहे। जबकि बड़े नेता केवल मंत्री, विधायक तथा इसी तुलना के नेताओं से संपर्क कर स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए है। जबकि बड़े नेता व अभाविप में संगठन मंत्री का कहना है कि जिन दो पदाधिकारियों का निष्सकासन किया गया है वे मनमर्जी से संगठन के नाम का उपयोग कर रहे थे। बड़े व वरिष्ठ पदाधिकारियों की अनदेखी कर लगातार कार्य किए जा रहे थे इसलिए हटाया गया है। लेकिन छोटे पदाधिकारी इस बात का विरोध करते हैं उनका कहना है कि अभाविप मुद्दों से भटक चुकी है जिसकी शिकायत राष्ट्रीय स्तर की कार्यकारिणी में अपना पक्ष रखने का प्रयास करेंगे।


