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जामिया में छात्र व प्रोफेसर के विचारों का टकराव

जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध कर रहे एक प्रोफेसर व छात्र के बीच विचारों का तीखा टकराव सामने आया

जामिया में छात्र व प्रोफेसर के विचारों का टकराव
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नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध कर रहे एक प्रोफेसर व छात्र के बीच विचारों का तीखा टकराव सामने आया। सीएए की मुखालफत के लिए जामिया पहुंचे आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर विपिन त्रिपाठी ने कहा कि सीएए असंवैधानिक और देश के लोगों के खिलाफ है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के छात्र शरजील ने त्रिपाठी की दलील खारिज की और कहा कि सीएए संविधान से पहले मुसलमान के खिलाफ है। एएमयू छात्र ने कहा कि सीएए देश लोगों के नहीं, बल्कि मुसलमानों के खिलाफ है।

शरजील ने कहा कि यहां के लोगों ने पाकिस्तान को पंचिंग बैग बना दिया है। पाकिस्तान की तुलना वेटिकन सिटी से करते हुए कहा कि मुसलमान से पाकिस्तान की निंदा की अपेक्षा की जाती है लेकिन किसी ईसाई से वेटिकन सिटी की निंदा करने को क्यों नहीं कहा जाता।

फिजिक्स के नामी प्रोफेसर विपिन त्रिपाठी जामिया के मंच से सीएए का विरोध कर रहे थे। प्रोफेसर ने सभी धर्म व संप्रदाय के लोगों से एकजुट होकर सीएए का विरोध करने को कहा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भारत में हिंदू व मुसलमान को आपस में लड़ाया और जिन्ना जैसे लोगों ने अंग्रेजों का साथ दिया। प्रोफेसर ने कहा कि अब हमें आपस में नहीं बल्कि एकजुट होकर सीएए के खिलाफ लड़ना है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पुलिस, कानून व अन्य सभी साधन है और हमारे पास केवल हमारी एकता है। हमें हर हाल में एकता व अहिंसा को बनाए रखना होगा।

प्रोफेसर के तुरंत बाद जामिया छात्रों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के शरजील को आमंत्रित किया। शरजील ने प्रोफेसर त्रिपाठी पर शब्दों से हमला बोला और कहा कि हमारा साथ देना है तो अपना शहर, अपना मोहल्ला बंद कीजिए। हमारे बनाए मंच पर आकर आप भाषण देते हैं, लोगों का भाषण सुनना हमारा मकसद नहीं है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि सीएए के खिलाफ लड़ाई में बहुसंख्य समाज भी अपना योगदान दे रहा है।

जामिया के मंच से अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व कांग्रेस पार्टी पर भी तंज कसा गया। एएमयू छात्र ने कहा कि अखिलेश यादव बहराइच में घोड़ों की रेस करवा रहे हैं। केजरीवाल दिल्ली के बाकी हिस्सों में स्कूल और ओखला में कूड़ा साफ करने की यूनिट खुलवाते हैं। एएमयू छात्र ने जामिया के मंच से इसे केवल जामिया और एएमयू की लड़ाई बताया।


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