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पुरुषों के लिए कंडोम, नसबंदी के विकल्प का चल रहा है ट्रायल

क्या महिलाओं के लिए "मॉर्निंग आफ्टर" गोली की तरह पुरुषों के लिए "आवर बिफोर" गोली हो सकती है? एक नई दवा का परीक्षण किया जा रहा है जो चूहों को एक घंटे के अंदर बांझ बना देती है और 24 घंटों से भी कम में पहले जैसा कर देती है.

पुरुषों के लिए कंडोम, नसबंदी के विकल्प का चल रहा है ट्रायल
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अगर यह परीक्षण कामयाब होता है तो भविष्य में पुरुषों के लिए एक "ऑन-डिमांड कॉन्ट्रसेप्टिव" बनाया जा सकता है. इस संभावित दवा का अभी तक इंसानों पर परीक्षण नहीं किया गया है. इसे उपलब्ध होने में भी अभी सालों लगेंगे, लेकिन यह पुरुषों के लिए गर्भ-निरोधक उपायों को बनाने की कोशिशों में शामिल जरूर हो गई है.

इस समय पुरुषों के लिए सिर्फ दो विकल्प मौजूद हैं: कंडोम और नसबंदी. इससे पहले इस तरह की दवाओं की कामयाबी सीमित ही रही है. पुरुष तो गर्भ धारण कर नहीं सकते, इसलिए दुष्परिणाम के लिहाज से तराजू पुरुषों की तरफ ज्यादा झुका हुआ है. इस वजह से इसमें दवा उद्योग की रुचि भी कम है.

इस विषय पर 'नेचर कम्युनिकेशन्स' पत्रिका में छपे अध्ययन की मुख्य लेखिका मेलनी बैलबाक कहती हैं, "इस समय गर्भ निरोध का सारा बोझ महिलाओं पर है. " अमेरिका के वाइल कोर्नेल मेडिसिन केंद्र में फार्माकोलॉजी पर शोध कर रहीं बैलबाक कहती हैं, "हमें नए विकल्प चाहिए."

अध्ययन के सह-लेखक जोशेन बक के मुताबिक शोधकर्ताओं की टीम ने सॉल्युबल एडिनायलाइल साइक्लेस नाम के एक एंजाइम को निशाना बनाया जो शुक्राणुओं के लिए एक "ऑन स्विच" की तरह काम करता है. बक भी वाइल कोर्नेल मेडिसिन केंद्र से ही जुड़े हुए हैं.

कमाल का एंजाइम

उन्होंने बताया कि अगर इस एंजाइम को स्विच ऑफ कर दिया जाए तो शुक्राणु आगे नहीं बढ़ सकता है. कई परीक्षण कर शोधकर्ताओं ने दिखाया कि इस एंजाइम को ब्लॉक करने वाला एक कंपाउंड चूहों के शुक्राओं को तीस मिनट से एक घंटे के अंदर गतिहीन कर देता है.

अध्ययन के मुताबिक यह कंपाउंड शुरू के दो घंटों के अंदर गर्भ धारण रोकने में 100 प्रतिशत प्रभावशाली रहा. उसके बाद इसकी प्रभाविता गिर कर पहले तीन घंटों में 91 प्रतिशत पर पहुंच गई. 24 घंटों के बाद शुक्राणु सामान्य हो कर फिर से तैरने लगे.

बक ने बताया कि शोधकर्ताओं का लक्ष्य एक ऐसी नॉन-हार्मोनल गोली बनाने का है जो एक घंटे के अंदर काम करना शुरू कर दे और उसका असर छह से 12 घंटों तक रहे. यह इस समय बन रहे दूसरे विकल्पों से काफी अलग होगी क्योंकि उन सब का असर हफ्तों या महीनों बाद शुरू होता है और खत्म होने में भी उतना ही समय लेता है.

इन विकल्पों में एक हार्मोनल जेल भी शामिल है जिस पर अभी मानव ट्रायल चल रहे हैं. नए ट्रायल में पाया गया कि चूहों पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुए. इससे पहले हुए शोध में पाया गया था कि जिन बांझ पुरुषों में इस एंजाइम को हमेशा के लिए स्विच ऑफ कर दिया गया था उनमें गुर्दों की पथरी होने की दर बढ़ गई थी.

आकर्षक संभावना

बक ने कहा कि यह उनके एंजाइम के हमेशा ही ऑफ रहने का नतीजा था, जो कि यह ऑन डिमांड गोली लेने वाले पुरुषों के साथ नहीं होगा. उन्होंने यह भी बताया कि शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस के मानव ट्रायल तीन सालों के अंदर शुरू हो सकते हैं और दवा संभवतः आठ सालों में तैयार हो सकती है.

यूके के एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय में काम करने वाली गर्भ निरोध विशेषज्ञ सूजन वॉकर ने बताया कि उन्हें इस बात पर "थोड़ा सा संदेह है" कि ऐसी कोई गोली वाकई बाजार तक पहुंच सकेगी, क्योंकि इस तरह की कई कोशिशें नाकामयाब रही हैं.

वॉकर इस शोध से जुड़ी हुई नहीं है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि लगभग तुरंत असर होना इस दवा का "बेहद आकर्षक फायदा" है जिसकी वजह से "एक यौन पार्टनर को एक गोली लेते हुए देखने की संभावना" जरूर नजर आ रही है.

डिजायर लेन नाम की कंपनी का दावा है कि वो पुरुषों के लिए गर्भ निरोध के कई उत्पादों की संभावित खरीद का पूर्वानुमान देने पर काम कर रही है.

उसके संस्थापक स्टीव क्रेश्मर के मुताबिक, "शुरूआती अनुमान दिखा रहे हैं कि अमेरिका में जल्द असर करने वाली और एक से दो दिनों तक असर कायम रखने वाली एक ऑन-डिमांड गोली की मांग वायेग्रा जब बाजार में आई थी उसकी तब की मांग से तीन गुना ज्यादा हो सकती है."


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