‘शहरी नक्सली’ बताने को लेकर गिरीश कर्नाड के खिलाफ शिकायत दर्ज
पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित समारोह के दौरान खुद को ‘शहरी नक्सली’ बताने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित पटकथा लेखक गिरीश कर्नाड के खिलाफ बेंगलुरु के वकील

बेंगलुरु। पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित समारोह के दौरान खुद को ‘शहरी नक्सली’ बताने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित पटकथा लेखक गिरीश कर्नाड के खिलाफ बेंगलुरु के वकील अम्रुतीश ने शुक्रवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करायी।
अम्रुतीश ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया,“ नक्सलवादी वे होते हैं जो राष्ट्र के खिलाफ उग्रवाद फैलाते हैं। भाकपा (माओवादी) समूह पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही वर्ष 2009 से नक्सलवाद देश में प्रतिबंधित है। इस प्रकार की उपाधि अपने शरीर पर पहनकर श्री कर्नाड ने उग्रवादी समूह का समर्थन किया है। इस समूह का समर्थन करने वाला कोई भी समर्थक, अनुयायी या शुभचिंतक गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत दंड का भागी है और इसलिए पुलिस को कर्नाड के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए और यदि उनका नक्सलवादियों के साथ कोई संबंध हाें तो उसकी जांच की जानी चाहिए।”
अम्रुतीश ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि अपने शरीर पर इस प्रकार की उपाधि को धारण कर उन्होंने ( कर्नाड ने) नक्सलवाद की आपराधिक और हिंसक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और उसे बढ़ावा देने की कोशिश की।
कर्नाड और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गौरी लंकेश की पुण्यतिथि पर यहां उनके घर के बाहर पांच सितंबर को आयोजित पुण्यतिथि में भाग लिया था। लंकेश की यहां राजराजेश्वरी नगर स्थित उनके आवास के बाहर मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने गत वर्ष पांच सितंबर को गोली मारकर हत्या कर दी थी।
लंकेश की हत्या के बाद कर्नाटक सरकार ने हत्यारों काे पकड़ने के लिए विशेष जांच बल (एसआईटी) का गठन किया था और अब तक छह से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी ने हालांकि न्यायिक हिरासत में बंद लोगों के विरुद्ध भी अब तक कोई आरोपपत्र नहीं दाखिल किया है।


