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शिल्पोत्सव में ई-टेंडरिंग के जरिए चुनी जाएंगी कंपनियां

 शहर में शिल्पियों का मेले के लिए पहली बार ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाई जा रही है

शिल्पोत्सव में ई-टेंडरिंग के जरिए चुनी जाएंगी कंपनियां
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नोएडा। शहर में शिल्पियों का मेले के लिए पहली बार ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाई जा रही है। सलाहकार के अलावा शिल्पोत्सव में लगने वाले सीसीटीवी कैमरे व अन्य कार्यों के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया अपनाई जा रही है। शिल्पोत्सव सेक्टर-21ए स्थित स्टेडियम के रामलीला मैदान में 6 से 15 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। इस बार शिल्प थीम पर उत्सव का आयोजन किया।

आयोजन में कुल एक करोड़ 44 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। शिल्पियों के लगने वाले मेले में भ्रष्ट्राचार की छाप न लगे। साथ ही नियमो का अनुपालन हो लिहाजा शिल्पोत्सव में होने वाली सभी कार्य ई-टेंडरिंग प्रक्रिया द्वारा की जा रही है। इस बार शिल्पोत्सव का कुल बजट एक करोड़ 44 लाख रुपए होगा। हालांकि यह कुल बजट है। लेकिन अधिकांश काम का बजट एक लाख से ऊपर का है। लिहाजा ई-टेंडरिंग के जरिए निविदा खोलकर कंपनी का चयन किया जाएगा।

हालांकि इस बार मेले में फिजूल खर्च न हो इसका खास ध्यान दिया जाएगा। इसका अंदाजा इस बार मेले के लिए प्रस्तावित बजट से लगाया जा सकता है। दरसअल, गत वर्ष मेले के आयोजन के लिए एक करोड़ 80 लाख के आसपास बजट पास किया गया था। लेकिन इस बार एक करोड़ 44 लाख रुपए ही प्रस्तावित किए गए है। इस बार यहा 350 दुकानें लगाई जाएंगी। जिसमे शिल्पी अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे। 10 दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें भेजपुरी नाइट, कव्वाली, भजन संध्या, पार्श्व गायक, गायिका के अलावा दिन में स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस बार उत्सव का आयोजन शिल्प थीम पर होगा। वहीं, मेले में विकलांग व बुजुर्ग लोगों के बैटरी जनित वाहन, खाने पीने के शौकीन लोगों के लिए विभिन्न प्रदेशों के स्पेशल व्यंजन की दुकाने भी लगाई जाएंगी। इसके अलावा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग का भी स्टॉल लगाया जाएगा। जिसमे झांकी के तौर पर प्रदेश के मुख्य दार्शनिक स्थलों को प्रदर्शित किया जाएगा।


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