कश्मीर में संचार पाबंदियों को हटाया जाने लगा होल्ले होल्ले
कश्मीर प्रशासन ने मोबाइल कंपिनयों को जम्मू डिवीजन के अब सभी 10 जिलों में 2-जी स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने की स्वीकृति दे दी

--सुरेश एस डुग्गर—
जम्मू। कश्मीर प्रशासन ने मोबाइल कंपिनयों को जम्मू डिवीजन के अब सभी 10 जिलों में 2-जी स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने की स्वीकृति दे दी है। यही नहीं कश्मीर संभाग में भी प्रीपेड मोबाइल सेवा पर लगी पाबंदी को हटा लिया गया है। वहां भी यह सेवा बहाल करने के आदेश दे दिए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही जम्मू व कश्मीर के लोग इन सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। हालांकि जम्मू संभाग में शुरू होने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवा का लाभ केवल पोस्टपेड उपभोक्ता ही उठा पाएंगे। जहां तक कश्मीर में शुरू होने वाले प्रीपेड मोबाइल से भी उपभोक्ता केवल कॉलिंग व एसएमएस ही कर पाएंगे।
इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर में सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने दी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी मोबाइल कंपनियों को लिखित निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा कश्मीर के जिन जिलों में प्रीपेड मोबाइल सेवा शुरू नहीं हुई थी, वहां भी यह सेवा बहाल कर दी गई है। परंतु प्रीपेड उपभोक्ता कॉलिंग व एसएमएस सेवा का लाभ ही उठा पाएंगे। इंटरनेट सेवा नहीं मिल पाएगी।
हालांकि घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा गत वर्ष 14 अक्टूबर से बहाल कर दी गई थी। परंतु कश्मीर में शांति बहाली के लिए सरकार ने वहां पोस्टपेड मोबाइल सेवा शुरू करने की स्वीकृति नहीं दी। परंतु अब सामान्य होते हालात को देखते हुए प्रशासन ने कश्मीर के बांडीपोरा और कुपवाड़ा इलाकों में पोस्टपेड उपभोक्ताओं के लिए भी 2-जी स्पीड के साथ मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गृह विभाग ने जम्मू-कश्मीर में स्थिति की समीक्षा करते हुए राज्य प्रशासन से मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू करने को कहा था। इस आदेश के बाद ही प्रशासन ने पहले चरण में मकर संक्रांति के दिन जम्मू के पांच जिलों में 2-जी स्पीड के साथ पोस्टपेड मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की थी।
उपभोक्ता इस सेवा के जरिए केवल बैंकिग आदि सेवाओं का लाभ ही उठा पा रहे हैं। मोबाइल कंपनियों को यह सख्त हिदायत दी गई है कि सेवा शुरू होने पर जम्मू-कश्मीर के उपभोक्ता मोबाइल पर किसी भी तरह की सोशल मीडिया साइट्स न खोल पाएं। ऐसा होने पर फिर अफवाहों का बाजार गरम होगा और राज्य की शांति को नुकसान पहुंचेगा। यदि किसी तरह की भी सोशल साइट्स के जरिए राज्य में फिर से अशांति का माहौल पैदा होता है तो राज्य प्रशासन संबंधित मोबाइल कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।


