गोरक्षा के मसले काे लेकर लोकसभा में हंगामा
गोरक्षा के नाम पर लोगों को पीट-पीट कर मारे जाने के मामलों को लेकर विपक्षी सदस्यों ने आज लोकसभा में शून्यकाल के दौरान जमकर हंगामा किया
नयी दिल्ली। गोरक्षा के नाम पर लोगों को पीट-पीट कर मारे जाने के मामलों को लेकर विपक्षी सदस्यों ने आज लोकसभा में शून्यकाल के दौरान जमकर हंगामा किया और कागजात भी फाड़े जिसके कारण सदन की कार्रवाई भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्य गोरक्षा को लेकर पीट-पीटकर हो रही हत्याओं पर चर्चा की माँग की। सदस्यों के हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही हुई। विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी की।
हंगामे के बीच ही दोपहर 12 बजे शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने गौरक्षा-हत्या, दलितों और महिलाओं पर किये जा रहे अत्याचार का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर हो रही हत्याओं के कारण अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्ग में आतंक फैल गया है। सरकार इस तरह की बर्बर और शर्मनाक हत्याओं को रोकने में असफल रही है। प्रधानमंत्री कई बार यह कह चुके हैं कि गौरक्षा के नाम पर हत्या करने वाले लोग गुंडे हैं। इन्हें रोकना जरूरी है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। लेकिन हकीकत में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
उन्होंने माँग की कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सदन में आकर इस बारे में सभी सदस्यों की बात सुनें। इसके बाद हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष के आसान के पास कागजात फाड़ कर फेंकने शुरू कर दिये।
इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य भी खड़े होकर विपक्षी सदस्यों की निंदा करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सत्ता पक्ष के सदस्यों को शांत कराया और कुछ देर तक शून्यकाल जारी रखा। लेकिन, अंतत: देापहर बाद करीब 12.45 बजे उन्होंने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और सुश्री महाजन बार-बार विपक्षी सदस्यों से शांति बनाये रखने की अपील करती रहीं।
कुमार ने कहा कि विपक्ष को इस विषय में बोलने के लिए नोटिस देना चाहिये और संयम रखना चाहिये। कागज फाड़े जाने पर आहत होते हुये लोकसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के सदस्यों से बैठने की अपील करते हुये कहा “मुझे भी देखने दीजिये ये किस हद तक गिर सकते हैं।“ उन्होंने कहा कि चर्चा के लिए कोई मना नहीं है, लेकिन ऐसे चर्चा नहीं होती। उन्होंने बार-बार विपक्षी सदस्यों से सहयोग की अपील की, लेकिन हंगामा कर रहे सदस्य शांत नहीं हुये।


