Top
Begin typing your search above and press return to search.

छात्र शिक्षक अनुपात पर अध्ययन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में कमेटी गठित

दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक अधिसूचना जारी की है जिसके अंतर्गत एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है

छात्र शिक्षक अनुपात पर अध्ययन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में कमेटी गठित
X

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक अधिसूचना जारी की है जिसके अंतर्गत एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी का गठन प्रैक्टिकल व ट्यूटोरियल के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात, छात्र-समूहों के आकार से संबंधित प्रावधानों का अध्ययन, चर्चा और पुनरीक्षण करने के लिए है। प्रो प्रकाश सिंह, निदेशक, यूडीएससी को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। विश्वविद्यालय ने इस कमेटी में जिन सदस्यों को शामिल किया हैं उनमें प्रो. के रत्नाबली, लॉ सेंटर, प्रो अशोक कुमार प्रसाद, विभाग रसायन शास्त्र के सदस्य, प्रो. आशुतोष भारद्वाज, विभाग भौतिकी और खगोल भौतिकी, प्रो. राजीव अग्रवाल, प्राचार्य, देशबंधु कॉलेज, डॉ. भुवन झा, सत्यवती कॉलेज शामिल है। दिल्ली विश्वविद्यालय के समक्ष प्रश्न खड़े करते हुए विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की पूर्व पदाधिकारी व दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर आभा देव ने कहा कि क्या यह एक अच्छी पहल है। खैर, परिणाम ही बता सकता है। ऐसी छोटी समिति में शिक्षकों प्रतिनिधि क्यों नहीं है। समिति के अधिकांश सदस्य प्रशासक हैं और इसलिए वे अन्य विचारों से निर्देशित होंगे।

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल के सदस्य बिस्वजीत मोहंती ने भी इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि सभी विकेन्द्रीकृत और स्वायत्त निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को खतरे में डालते हुए अब दिल्ली विश्वविद्यालय में सब कुछ केंद्रीय रूप से संचालित है। कॉलेजों को पहले अपने शिक्षक अनुपात को ऐसे बिंदु पर बनाए रखने की स्वायत्तता थी जहां ट्यूटोरियल कक्षाएं अधिक इंटरैक्टिव और छात्रों के लिए फायदेमंद होती हैं। यह एक रहस्य है कि समिति में शिक्षकों के प्रतिनिधियों के बिना यह समिति कैसे कार्य करेगी और शिक्षक अनुपात पर निर्णय करेगी।

उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है। यह, दिल्ली विश्वविद्यालय को ऊपर से जो भी आदेश दिया जाता है, वह शिक्षकों पर थोपने के समान होगा। यह एनईपी में किया गया है और यहां भी किया जाएगा। शिक्षण समुदाय किसी भी प्रकार के मनमाने निर्णय लेने से रोकने के लिए गठित समिति में शिक्षकों के प्रतिनिधि की उपस्थिति की मांग करता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it