घरेलू सहायिका की पिटाई मामले में आयोग ने थमाया नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गुरूग्राम के डीएलएफ फेज 1 पुलिस स्टेशन में एक घरेलू साहयिका की पिटाई की मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए गुरूग्राम के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गुरूग्राम के डीएलएफ फेज 1 पुलिस स्टेशन में एक घरेलू साहयिका की पिटाई की मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए गुरूग्राम के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है।
आयोग ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि इस 30 वर्षीय घरेलू साहयिका को गत 3 सितम्बर को चोरी के शक में पुलिस स्टेशन लाया गया था जहां कथित रूप से पुलिसकर्मियों ने उसे कई घंटों तक थाने में रखा , उसके कपड़े उतारे और बुरी तरह मारा। पुलिस आयुक्त ने इस मामले में विभागीय जांच शुरू की है और एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन भेज दिया है।
आयोग ने पुलिस आयुक्त से रिपोर्ट के साथ साथ इस मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब तक की गयी कार्रवाई के बारे में भी बताने को कहा है। आयोग का मानना है कि यदि मीडिया में आयी रिपोर्ट सही है तो यह चिंता का विषय है क्योंकि पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह का कृत्य अमानवीय, बर्बर और पीड़ादायक है। यह पीडि़ता के सम्मान, आजादी , जीवन के अधिकार और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है। मीडिया रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि यह सार्वजनिक कर्मचारी द्वारा कर्तव्य के निर्वहन का भी घोर उल्लंघन है।
आयोग के अनुसार यह महिला डीएलएफ फेज -1 में घरेलू साहयिका के तौर पर काम करती है। इस घर में गत 31 जुलाई को चाेरी के बाद मालिक को सहायिका सहित दो महिलाओं पर शक हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर साहयिका को सुबह नौ बजे पूछताछ के लिए गत मंगलवार को थाने बुलाया। कथित रूप से वहां पुलिसकर्मियों ने उसके कपड़े उतारकर उसकी बुरी तरह पिटाई की। रात नौ बजे पुलिस ने उसके पति को बुलाकर उसे घरे ले जाने और अगले दिन फिर से थाने लाने को कहा। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब पूर्वोत्तर के एक संगठन ने इसके विरोध में पुलिस स्टेशन के सामने विरोध किया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।


