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आओ बनाए कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त विषय पर कार्यशाला आयोजित

कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने राज्य शासन द्वारा 02 अक्टूबर  गांधी जयंती के मौके पर प्रारंभ हो रहे वृहद पैमाने पर कुपोषण मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए

आओ बनाए कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त विषय पर कार्यशाला आयोजित
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बेमेतरा। कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने राज्य शासन द्वारा 02 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर प्रारंभ हो रहे वृहद पैमाने पर कुपोषण मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है। इसी कड़ी में- आओ बनाए कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त बेमेतरा विषय पर महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में गत दिनों कलेक्टोरेट सभागृह में कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस वर्कशॉप में कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी एवं रायपुर से आए डॉ. कमलेश जैन एवं कन्साल्ट्रेन्ट अविनाश लुम्बा ने कुपोषण दूर करने के संबंध में जानकारी दी। हमारा मानना है कि आज दुनिया में किसी भी जंग से ज्यादा खतरा कुपोषण से है। वास्तव में कुपोषण नई पीढ़ियों के बुनियाद पर हमला करता है। कार्यशाला में बताया गया कि प्रदेश के 35 प्रतिशत छोटे बच्चे कुपोषण से तथा 15 से 49 वर्ष की 41 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित है।

यह हम सबके लिए चिंता का विषय है ? प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुपोषण एवं एनीमिया पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कुपोषण एवं एनीमिया के प्रकोप से इतने अधिक लोगों के पीड़ित होने से भावी पीढ़ी के भविष्य का सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है। इतनी बड़ी संख्या में हमारे बच्चे और बहनें यदि कमजोर तथा बीमार रहें तो यह हम सबके लिए चिंता का विषय है।

प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण एनीमिया को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया गया है। सम्पूर्ण राज्य में यह महायज्ञ 02 अक्टूबर से प्रारंभ किया जा रहा है। जिसके तहत प्रदेश के कुपोषित एवं एनीमिया पीड़ितों को उनकी रूचि एवं शारीरिक आवश्कताओं के अनुरूप प्रतिदिन नि:शुल्क पोषण हेतु भोजन की व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर श्रीमती राजपूत तिवारी ने इसमें जिले के सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी का आव्हान किया है।

प्रदेश सरकार द्वारा आगामी 03 वर्षो में राज्य को कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त करा लेने का संकल्प लिया गया है। जिससे ''स्वस्थ्य छत्तीसगढ़'' के साथ ''गढ़बो नवा छत्तीसगढ़'' की कल्पना को साकार किया जा सके। कार्यशाला के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.शर्मा ने कुपोषण दूर करने के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। आने वाली पीढ़ी को प्रारंभ से ही खान-पान एवं स्वास्थ्य संबंधी सुविधाए पर फोकस किए जाने से कुपोषण मुक्ति अभियान को जल्दी सफलता मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एनीमिक महिलाओं को चिन्हांकित कर उनका इलाज किया जाएगा।

इस कार्य में स्व-सहायता समूहों की मदद ली जाएगी। महिलाओं को चावल, दाल हरी पत्तेदार सब्जी सोयाबीन, कुम्हड़ा, कच्चा पपीता, अकुंरित अनाज जैसे- चना, मटर सलाद, गुड़ चना, रागी आदि का उपयोग करने के लिए प्रयोग किया जाएगा। इस अभियान के संबंध में गांव-गांव में जनजागरूकता लायी जाएगी।

कार्यशाला में जिला पंचायत के सीईओ प्रकाश कुमार सर्वे, संयुक्त कलेक्टर ज्योति सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी म.बा.वि.राजकुमार जाम्बुलकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.सतीश शर्मा, डीईओ सी.एस.धु्रव जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रमाकंात चन्द्राकर, जिला समन्वयक मितानीन श्रीमती अल्का दुबे, समाजसेवी संस्था-वत्सला से श्रीमती ज्योति सिंघानिया, विभाग के परियोजना अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ, एवं आंगनबाड़ी के पर्यवेक्षक उपस्थित थे।


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