कॉलेजों को करना होगा शिक्षकों से लिया आवेदन शुल्क वापिस
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों ने शिक्षकों की नियुक्तियों हेतु आवेदन पत्र के साथ आवेदनकर्ताओं से 250 से 500 रुपए आवेदन शुल्क लिया था

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों ने शिक्षकों की नियुक्तियों हेतु आवेदन पत्र के साथ आवेदनकर्ताओं से 250 से 500 रुपए आवेदन शुल्क लिया था और अब दिल्ली यूनिवर्सिटी के संयुक्त कुलसचिव (कॉलेज) ने कॉलेजों को पत्र लिखकर कहा है कि यह शुल्क सभी आवेदनकर्ताओं को वापिस करें। कॉलेजों द्वारा आवेदन शुल्क लिए जाने पर इस संदर्भ में संयुक्त कुलसचिव ने कॉलेजों को भेजें गए पत्र में कहा है कि वसूल की गई धनराशि बिना किसी एकाउंट के कॉलेजों के पास पड़ी हुई है और कॉलेजों ने शिक्षकों की स्थायी नियुक्तियां भी नहीं कराई है इसलिए दिल्ली विश्वविद्यालय के संज्ञान में यह गम्भीर विषय के रूप में लाया गया है।
संयुक्त कुलसचिव ने पत्र में कॉलेजों को सूचित करते हुए कहा गया है कि ऐसी स्थिति में उम्मीदवारों के बीच रोष का वातावरण हो सकता है लेकिन विश्वविद्यालय नहीं चाहता कि इस तरह का कोई अनावश्यक माहौल पैदा हो इसलिए कॉलेजों को सूचित किया गया है कि वे उनसे आवेदन पत्र के साथ जो धनराशि ली गई है वह उम्मीदवारों को उनकी धनराशि वापिस करने हेतु त्वरित सकारात्मक आवश्यक कार्यवाही करें।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडेमिक काउंसिल के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों ने सहायक प्रोफेसर की स्थायी नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकाले थे जिसमें फॉर्म के साथ शुल्क के रूप में सामान्य उमीदवारों से 500 रुपए और ओबीसी कोटे के आवेदकों से 250 रुपए लिए गए थे।


