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तेन्दूपत्ता संग्रहण की तैयारियों में जुटे वन विभाग के अधिकारी

बिलासपुर ! तेन्दूपत्ता का संग्रहण कुछ दिनों में शुरू वाला है और इधर वर्ष 2016 का अब तक बोनस बंटा नहीं मजदूरों को चरणपादुका मिली। शासन का दावा है कि बोनस नकद व घर जाकर दिया जाएगा।

तेन्दूपत्ता संग्रहण की तैयारियों में जुटे वन विभाग के अधिकारी
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पिछले साल का बोनस मिला न मिली चरणपादुका
बिलासपुर ! तेन्दूपत्ता का संग्रहण कुछ दिनों में शुरू वाला है और इधर वर्ष 2016 का अब तक बोनस बंटा नहीं मजदूरों को चरणपादुका मिली। शासन का दावा है कि बोनस नकद व घर जाकर दिया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005-06 से तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रतिवर्ष चरण पादुका दी जाती है। इस वर्ष तोड़ाई का समय नजदीक है और चरण पादुका मिली और न ही बोनस अब तक बांटा गया। जिले के 23 लघु वनोंपज समिति के लगभग 22 हजार 5 सौ संग्राहकों को चरणपादुका व बोनस दिया जाना था। अधिकारियों का कहना है कि बोनस व चरणपादुका से संबंधित जानकारी शासन को भेज दी गई है। संग्राहकों में भी बोनस व चरणपादुका समय पर नहीं मिलने से असंतोष व्याप्त है। जंगलों में अब पहले की तरह तेन्दूपत्ते का उत्पादन भी नहीं हो रहा है। हालांकि शासन द्वारा इस वर्ष संग्रहण दर प्रति मानक बोरा तीन सौ रूपए बढ़ा दी गई है।
शाखकर्तन की खानापूर्ति
शासन द्वारा लाखों रूपए खर्च कर प्रतिवर्ष शाखकर्तन कराया जाता है। ताकि बड़े और उच्चगुणवत्ता के पत्ते प्राप्त हों। लेकिन तेन्दूपत्ता का उत्पादन व गुणवत्ता दोनों नहीं बढ़ पाई। पिछले वर्ष इन्हीं सब कारणों से लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पाई थी। सामान्यत: फरवरी मार्च में ही शाखकर्तन कराया जाता है। तेंदूपत्ता की गुणवत्ता के लिए शाखकर्तन जरुरी है। इसमें भारी गड़बड़ी हो रही है।


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