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दिल्ली बस्तियों में भी ध्रुवीकरण के बजाय काम का चला सिक्का

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को हुए मतदान में मतदाताओं ने ध्रुवीकरण के बजाय स्थानीय मुद्दों को ज्यादा महत्व देते हुए अपने मताधिकार का उपयोग किया

दिल्ली बस्तियों में भी ध्रुवीकरण के बजाय काम का चला सिक्का
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नई दिल्ली। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को हुए मतदान में मतदाताओं ने ध्रुवीकरण के बजाय स्थानीय मुद्दों को ज्यादा महत्व देते हुए अपने मताधिकार का उपयोग किया। दलित बस्तियों के ज्यादातर मतदाताओं ने भी कहा कि उन्होंने केजरीवाल सरकार के काम पर मतदान किया। पहले ऐसा कहा जा रहा था कि इस बार विधानसभा चुनाव में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध का केंद्र बन चुके शाहीनबाग भी एक मुद्दा होगा और मतों का ध्रुवीकरण हो जाएगा, लेकिन कम पढ़े-लिखे लोगों के बीच भी हिंदू-मुस्लिम की बात दरकिनार और दिल्ली की मौजूदा सरकार के काम का सिक्का चलता नजर आया।

करोलबाग की अंबेडकर बस्ती में आईएएनएस से बातचीत में एक महिला मतदाता ने कहा, "पहले कोई नेता काम नहीं करता था। कांग्रेस ने अपने समय में कुछ काम किया था, लेकिन अब केजरीवाल जी ही काम करते हैं, बाकी सब झूठे वादे करते हैं। इस सरकार (केजरीवाल सरकार) ने स्कूल और अस्पताल में बहुत बढ़िया काम किया है और उम्मीद है कि अब झुग्गियों के लिए भी काम होगा।" यह वही इलाका है, जहां आरएसएस का दिल्ली मुख्यालय केशवकुंज स्थित है।

आरएसएस मुख्यालय के पास बस्ती के झुग्गी कैंप स्थित मतदान केंद्र के पास एक अन्य महिला मतदाता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का वादा- 'जहां झोपड़ी, वहीं दो कमरों का पक्का मकान' याद दिलाने पर कहा, "बात सभी करते हैं, देता कोई नहीं। हमें केजरीवाल पर ज्यादा भरोसा है। आने वाले समय में वह भी झुग्गियों के लोगों को फ्लैट देंगे। उन्होंने भी ये वादा किया है।"

मतदाता विजय ने कहा, "मैंने अपना वोट दिल्ली सरकार के काम पर दिया है। केजरीवाल यहां अच्छा काम कर रहे हैं। बिजली के बिल कम हो गए हैं, यह बड़ी राहत है। स्कूलों की हालत बदली है, हमारे बच्चों को अब अच्छी शिक्षा मिल रही है।"

शाहीनबाग के मुद्दे और ध्रुवीकरण के सवाल के जवाब में विजय ने कहा, "यहां उस बात का कोई असर नहीं है। लोगों ने स्थानीय मुद्दों पर ही वोट दिए हैं।"

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, "कांग्रेस ने कई साल राज किया लेकिन जो सुविधाएं केजरीवाल ने दीं वो किसी ने नहीं दीं।"

अंबेडकर बस्ती के वीरेंद्र ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "मैंने झाड़ू (आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह) पर वोट दिया। इससे हमें फायदा है। बिजली, पानी और स्कूल पर बहुत काम हुआ। भाजपा ने कुछ नहीं किया। अंबेडकर बस्ती में अन्य मुद्दों (शाहीनबाग/ध्रुवीकरण) का कोई प्रभाव नहीं।"

वाल्मीकि सदन मतदान केंद्र में आईएएनएस से बात करते हुए एक सरकारी कर्मचारी ने कहा, "सभी ने खूब प्रचार किया। तीनों पार्टियों (आप, भाजपा, कांग्रेस) में लड़ाई है। देखें, किसकी किस्मत खुलती है। आजकल का मतदाता जागरूक है, वह जानता है कि उसके लिए क्या बेहतर है।"

एक अन्य ने कहा, "मेरे हिसाब से कांग्रेस को एक मौका मिलना चाहिए। हालांकि, मोदी (केंद्र में) और केजरीवाल (दिल्ली में) अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन जो सुविधाएं सरकार वर्तमान में दे पा रही है इसका कारण पिछली कांग्रेस सरकार में किया गया कार्य है। उसी के चलते अन्य सरकारों के लिए यह सब कर पाना संभव हो पा रहा है।"

मतदाता कमल ने आईएएनएस से कहा, "शाहीनबाग का मुद्दा अपनी जगह ठीक है, लेकिन गरीब आदमी को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। उसे तो अपने गुजारे की फिक्र है, रोजगार चाहिए, जो कोई दे दे। कांग्रेस ने बहुत काम किया था, मगर फिलहाल जो सरकार है, ठीक है।"


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