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छत्तीसगढ़ में नारियल विकास बोर्ड प्रतिवर्ष किसानों को निशुल्क उपलब्ध कराता है एक लाख पौधा

विश्व में बहुत कम लोगों को विश्व नारियल दिवस के बारे में पता होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में नारियल विकास बोर्ड प्रतिवर्ष किसानों को एक लाख पौधा निशुल्क उपलब्ध कराता है

छत्तीसगढ़ में नारियल विकास बोर्ड प्रतिवर्ष किसानों को निशुल्क उपलब्ध कराता है एक लाख पौधा
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कोंडागांव। विश्व में बहुत कम लोगों को विश्व नारियल दिवस के बारे में पता होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में नारियल विकास बोर्ड प्रतिवर्ष किसानों को एक लाख पौधा निशुल्क उपलब्ध कराता है। इस तरह से अब तक कुल 16 लाख पौधे निशुल्क वितरित हुए हैं।

केंद्र सरकार ने इसकी स्थापना कोपाबेडा में वर्ष 1987 से की थी। यहां नारियल पर रिसर्च के साथ ही किसानों को नारियल की खेती के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। 1987 से शुरू हुए इस बोर्ड को 31 साल हो चुके हैं। इस विशाल नर्सरी से 12 प्रजाति के नारियल के पौधों के साथ यहां हाइब्रिड पौधे भी तैयार हो रहे हैं, जो चार से छह साल में तैयार होते हैं। एक पौधे से 2,000 से 3,000 के फल तैयार होते हैं। यहां के नारियल फल की खपत पूरे प्रदेश में हो रही है।

डॉ. आर के सिंह ने कहा कि डेंगू की बीमारी में गिरते सेल प्लेट के लिए कच्चे नारियल का पानी पीने से गिरती सेल प्लेट लगातार तेजी से बढ़ने लगते हैं।

नारियल विकास बोर्ड के सहायक निरीक्षक ईश्वर चंद कटियार ने कहा कि नारियल विकास बोर्ड का उद्देश्य हाइब्रिड पौधे तैयार कर यहां के लोगों को नारियल के पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह 2002 से अब तक 16 लाख पौधे बांट चुका है।



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