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शराब भट्ठी बंद कराने वाले ग्राम में कोचिया राज

23 वर्षों पूर्व सफल शराब विरोधी आंदोलन कर शराबबंदी की राह दिखलाने वाले आरंग थाना क्षेत्र के ग्राम भानसोज में आज अघोषित का माहौल है।

शराब भट्ठी बंद कराने वाले ग्राम में कोचिया राज
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रायपुर। 23 वर्षों पूर्व सफल शराब विरोधी आंदोलन कर शराबबंदी की राह दिखलाने वाले आरंग थाना क्षेत्र के ग्राम भानसोज में आज अघोषित का माहौल है। आंदोलन में सहयोगी रहे आसपास के 20-25 ग्रामों की लगातार गुहार के बाद भी भानसोज के कथित जनप्रतिनिधि इस पर रोक लगाने सक्रिय दिखते और आश्वासन के बाद भी शासन-प्रशासन इस पर रोक लगाने के बदले महज खानापूर्ति में लगा रहता है। ग्राम के गली-कूचे में सक्रिय 15-20 कोचिये व शराब तस्कर क्षेत्र को अशांत कर रखा है।

ज्ञातव्य हो कि इस ग्राम में नौ वर्ष पूर्व खोले गये शासकीय ठेका प्राप्त के दुष्परिणामों को प्रत्यक्ष देख व भोग भानसोज से रोजाना जीवंत संपर्क रखने वाले ग्राम टेकारी, कुंडा, खम्हरिया, डिधारी, नारा, संडी, कुकरा, खौली, करहीडीह, बरछा, मालीडीह, कलई, जरौद, छातापार, फरफौद, छतौना, कठिया, पिपरहट्टा, गोढ़ी, सिवनी, तोडगांव, बडगांव, अमेरी, सकंरी, जावा आदि के ग्रामीणों के पहल व सहयोग से सन् 93-94 के आबकारी सत्र में किसान संघर्ष समिति की अगुवाई में पूरे साल भर तक गांधीवादी तरीके से ग्रामीण व्यवस्था के तहत आंदोलन कर भानसोजवासियों ने शराब बंद कराने में देशव्यापी ख्यातिनाम सफलता हासिल की थी। सहयोगी ग्राम आज भी अवैध शराब बिक्री के खिलाफ ग्रामीण व्यवस्था अथवा प्रशासन के सहयोग से सक्रिय है और अधिकांश ग्रामों में इस पर रोक लगा हुआ है पर भानसोज इसका अपवाद बना हुआ है। ग्राम के जनप्रतिनिधियों की रहस्यमय चुप्पी व शासन-प्रशासन के खौफ न होने से ग्राम में अघोषित भ_ी का माहौल है व नहरपार, तिरंगा चौक के कुछ आगे, करही व नरका रोड में तो खुले आम का नजारा आबकारी व थाना अमला को छोड़ आम आदमी को दिखलायी पड़ता है। नहरपार में तो कोचिये राहगिरों को रोक शराब लेने पूछते है।

बीते ग्रीष्मकाल में आंदोलन में सहयोगी रहे ग्रामों के ग्रामीणों ने नारा के पूर्व सरपंच छोटूराम चंद्राकर के अगुवाई में भानसोज में आयोजित लोक सुराज शिविर में ज्ञापन सौंपा था इसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री के फरफौद आगमन पर पहुंचे जिलाधीश ओ.पी. चौधरी व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बी.एन. मीणा को ज्ञापन सौंप आंदोलन के इतिहास से अवगत कराया था। इसे गंभीरता से लेते हुये विशेष तौर पर इस ग्राम में अवैध शराब बिक्री न होने देने प्रभावी व्यवस्था का आश्वासन मिला था। इसके बाद भी आबकारी व थाना अमला की असफलता से क्षुब्ध सहयोगी ग्राम के ग्रामीण मंत्री से संतरी तक शिकायत पर शिकायत समिति संयोजक के माध्यम से कर रहे है पर सक्रिय कोचिये बेखौफ 40 से 45 पेटी शराब की खपत कर रहे हैं। क्षेत्र में शराब विरोधी मुहिम की अगुवाई कर रहे व भानसोज आंदोलन के प्रणेता रहे निकटस्थ ग्राम टेकारी निवासी किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा भानसोज की बेहाल स्थिति को स्वीकार करते हुये करते कहते है कि अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने सक्रियता न दिखा चुप्पी साध भानसोज के कथित जनप्रतिनिधि आंदोलन में सहयोगी रहे ग्रामों के संघ का अपमान कर रहे है।

उन्होनें दो टूक शब्दों में कहा कि यदि भानसोज के जनप्रतिनिधि चाहे तो वहां एक बूंद शराब भी नहीं बिक सकता। इस पर रोक लगा शासन-प्रशासन की विफलता पर उन्होंने कहा कि वरिष्ठों के सख्त आदेश के बाद भी मैदानी अमला की नाकामी का कारण शासन-प्रशासन के नुमाइंदे ही बता सकते हैं पर क्षेत्र की हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगातार ध्यानाकर्षण के बाद भी जब भानसोज की यह हालात है तो फिर क्षेत्र के अन्य ग्रामों की हालात क्या होगी।


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