Top
Begin typing your search above and press return to search.

सुराकछार साइडिंग में कोयला चोरी, पड़ी है सैकड़ों बोरियां

एसईसीएल की बांकीमोंगरा क्षेत्र स्थित सुराकछार खदान की रेलवे साइडिंग से लगे इलाकों में काला हीरा की चोरी बड़े पैमाने पर फिर से की जाकर अवैध रूप से बेचने का काम शुरू कर दिया गया है

सुराकछार साइडिंग में कोयला चोरी, पड़ी है सैकड़ों बोरियां
X

कोरबा। एसईसीएल की बांकीमोंगरा क्षेत्र स्थित सुराकछार खदान की रेलवे साइडिंग से लगे इलाकों में काला हीरा की चोरी बड़े पैमाने पर फिर से की जाकर अवैध रूप से बेचने का काम शुरू कर दिया गया है।

आज देर शाम मौके पर सैकड़ों की संख्या में कोयला भरी बोरियां रेल लाईन के किनारे पड़़ी मिली। बड़े पैमाने पर जतन कर रखे गए कोयले के ढेर को देखकर सहज ही कहा जा सकता है कि सांठ-गांठ से तस्करी जारी है और जिन पर इसे रोकने की जिम्मेदारी हैं वे नजरें फेरे बैठे हैं। कोरबा जिले से बड़े पैमाने पर कोयला की चोरी और अवैध रूप से परिवहन व बेचने की शिकायतें स्थानीय से लेकर उच्च स्तर और सीबीआई तक हो चुकी है बावजूद इसके कोयले के कारोबार में सफेद रह कर हाथ काला करने वाले लोगों के मनोबल ऊंचे हैं। सिंडीकेट बनाकर की जा रही कोयला चोरी व तस्करी के इस कारोबार में गुटीय विवाद भी हावी है।

यह एक बड़ा कारण है कि डंपिंग क्षेत्र से बोरियों में भरा कोयला लाद कर निकलने वाली गाड़ियों को चंद मिनटों में पुलिस और खनिज विभाग पकड़ लेता है जबकि दूसरी ओर साइडिंग के किनारे-किनारे कोयले के बोरियों में भरे भंडार पर इनकी नजर नहीं पड़ती। समस्या को जड़ से खत्म करने की बजाय ऊपर की डालियों को ही काटा जा रहा है। खनिज विभाग ने एक ओर जहां अवैध परिवहन में लगे दो ट्रकों को कोयला सहित प्रेम नगर से पकड़कर कुसमुंडा पुलिस के सुपुर्द करने की कार्रवाई शुक्रवार को की तो दूसरी ओर मशहूर सुराकछार साईडिंग से लगे पंखा दफाई और इसके आस-पास बोरियों के ढेर शनिवार की देर शाम तक मौजूद देखे गए। रेल लाइन के दोनों ओर यह नजारा आसानी से देखा जा सकता है।

यह एक बड़ा सवाल है कि वर्षों से सुराकछार साईडिंग कोयले की चोरी के मामले में मशहूर रहा है तो खनिज विभाग, पुलिस अमला, एसईसीएल की सुरक्षा कंपनी और विभागीय अधिकारियों द्वारा इस ओर लापरवाही आखिर क्यों बरती जा रही है? शायद इनका मानना है कि दो-चार ट्रक कोयला पकड़ लेने के बाद चोरी को इन्होंने रोक लिया है।

और इसी मुगालते में अपने आला अधिकारियों को रखकर खनिज तस्करों को खुली छूट दी जा रही है। वरिष्ठ नेता केदारनाथ अग्रवाल ने भी बार-बार इस ओर इशारा किया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it