सीएम ममता ने राष्ट्रगान के पहले सार्वजनिक गायन को याद किया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज राष्ट्रगान 'जन गण मन' के पहली बार सार्वजनिक तौर पर गाए जाने के प्रति सम्मान प्रकट किया

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज राष्ट्रगान 'जन गण मन' के पहली बार सार्वजनिक तौर पर गाए जाने के प्रति सम्मान प्रकट किया। ममता बनर्जी ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की रचना स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल की अग्रणी भूमिका के प्रति एक सम्मान है।
ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, "जन गण मन इसी दिन 1911 में पहली बार गाया गया। हमारे राष्ट्र गान ने हमें एकजुट किया है और राष्ट्र को सालों से प्रेरणा दे रहा है।"
Jana Gana Mana was first sung on this day in 1911. Our National Anthem has united us and inspired the nation over the years. A song composed by Rabindranath Tagore to be chosen as the National Anthem, is also a tribute to #Bangla’s leading role in the freedom movement
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 27, 2018
देश के स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल की प्रमुख भूमिका पर गर्व करते हुए ममता ने लिखा, "रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित गीत को राष्ट्र गान के लिए चुना गया। यह स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल की अग्रणी भूमिका को भी सम्मान है।"
राष्ट्रगान के पहले पद में 'भारतो भाग्यो विधाता' को टैगोर ने बंगाली में रचा, जिसे भारत की संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को राष्ट्र गान के रूप में स्वीकार किया।
इसे पहली बार सार्वजनिक तौर पर 27 दिसम्बर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता (अब कोलकाता) सत्र में गाया गया था।


