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CM हेल्पलाइन का कारनामा, 3 साल पहले मृत महिला के बयान लेकर उसे बताया सन्तुष्ट!
मध्यप्रदेश में जन समस्या निराकरण के लिए सीएम हेल्पलाइन का संचालन होता है।

भोपाल: मध्यप्रदेश में जन समस्या निराकरण के लिए सीएम हेल्पलाइन का संचालन होता है। फोर्स क्लोजिंग के मामलों को लेकर सीएम हेल्पलाइन हमेशा विवादों में रहती है। लेकिन अब तो सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जांच करने वाले मृतक से भी बयान ले लेते हैं। यह पढ़कर आपका चौकना लाज़मी है, लेकिन एक मामले की जांच करने वालों ने ऐसा कमाल करके दिखा दिया है।
मामला सिवनी जिले का है जहाँ एक महिला ने लव मैरिज की थी। शादी के बाद मायके वाले उसे प्रताड़ित करते थे। परेशान होकर उसने पीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की। शिकायत के बाद में उस महिला ने आत्महत्या भी कर ली। महिला की मौत के तीन साल बाद पीएम हेल्पलाइन ने उसकी शिकायत मध्यप्रदेश सीएम हेल्पलाइन में भेज दी। इसके बाद पुलिस महिला के घर पहुंची। जब पता लगा कि महिला की मौत हो चुकी है तो पुलिस ने मामले में खात्मा लगा दिया। इधर, पीएम हेल्पलाइन और सीएम हेल्पलाइन की ओर से पुलिस रिपोर्ट के आधार पर केस बंद करते हुए जो लिखा वह तो कमाल ही कर गया। यहां लिखा गया कि
‘शिकायतकर्ता की शिकायत का निराकरण कर उसको अवगत करा दिया गया है। शिकायतकर्ता संतुष्ट है। अपनी शिकायत बंद करना चाहती है।’
अब यहाँ ये समझ नहीं आ रहा कि शिकायतकर्ता जब तीन साल पहले मर चुकी है तो जिम्मेदारों ने उसे अवगत कैसे कराया? क्या कोई उसे बताने ऊपर गया या उसकी आत्मा को नीचे बुलाया? मतलब सीएम हेल्पलाइन ने पीड़िता की मृत आत्मा को संतुष्ट कर केस बन्द करने का कारनामा कर दिया। यह पहला मामला नहीं है जब सीएम हेल्पलाइन में ऐसी लापरवाही बरती गई हो। पहले भी कई तरह के कारण लिखकर सीएम हेल्पलाइन क्लोज करने के मामले सामने आए हैं। जब पुलिस ने मौके पर जाकर पीड़िता के मृत होने पर खात्मा रिपोर्ट लगाई तो पीएम हेल्पलाइन व सीएम हेल्पलाइन में ऐसा अपडेट कैसे हो गया, इस बारे में जानकारी देने से जिम्मेदार बच रहे हैं।
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