बिलासपुर जिला अस्पताल में अव्यवस्था, खामियों से मरीज हलाकान
बिलासपुर ! जिला चिकित्सालय में एक्सरे फिल्म खत्म हो गए हैं। जिससे अस्पताल में एक्सरे व सोनोग्राफी कराने आने वाले लोगों को भारी परेशानियां हो रही है।

एक्सरे, सोनोग्राफी फिल्म नहीं, दवाओं का अभाव
शासन से नहीं मिला बजट कई कार्य लटके
बिलासपुर ! जिला चिकित्सालय में एक्सरे फिल्म खत्म हो गए हैं। जिससे अस्पताल में एक्सरे व सोनोग्राफी कराने आने वाले लोगों को भारी परेशानियां हो रही है। वहीं अस्पताल के एक्सरे व सोनोग्राफी कक्ष में एक्सरे फिल्म नहीं होने से मरीजों को भटकना पड़ रहा है। आज ऐसा ही नजारा जिला अस्पताल में देखने का मिला, जिसमें ओपीडी में कई लोग पर्ची कटाकर एक्सरे जांच के लिए परेशान होते रहे। कुछ मरीज तो वापस चले गये तो कईयों ने निजी लैब में जाकर जांच कराई।
जिला अस्पताल में बजट की कमी होने से तरह-तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही है। वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा शासन को कई बार मांग पत्र भेजा गया है। लेकिन पत्र का जवाब व बजट का अब तक कोई पता नहीं है। जिससे अस्पताल में हर दिन कुछ न कुछ समस्याओं से मरीजों को जांच व इलाज में भारी परेशानी हो रही है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा इधर से आनन फानन में रोजमर्रा में लगने वाले जरुरतों के सामानों अस्पताल के बजट में पड़ी थोड़ी राशि से खरीद कर व्यवस्था बनाने की जुगत की जा रही है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने एक माह पहले ही चिकित्सकों के साथ ही सभी कर्मचारियों को समय पर अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिये थे। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि समय पर नहीं आने और समय से पहले जाने पर कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद भी इस आदेश की डाक्टरों व कर्मचारियों द्वारा अवहेलना की जा रही है।
जिला अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। मौसम में हुए उतार-चढ़ाव से लोग बीमार पड़ रहे हैं, जिससे अस्पतालों रखकर कर रहे हैं। अस्पताल में ओपीडी के समय पर पूरा हाल मरीजों से खचाखच भरा रहता है। वहीं डाक्टरों के समय पर नहीं होने से नर्स व वार्ड बाय तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी मौज करते हैं। इस दौरान यदि कोई गंभीर मरीज भी आ जाये तो मरीजों के परिजनों द्वारा दी व्हीलचेयर व स्ट्रेचर पर ले जाया जाता है वहीं कर्मचारी अपने में मस्त रहते हैं।
नहीं खत्म हुई दवाओं की समस्या
जिला अस्पताल में दवाईयों की समस्या अब तक बनी हुई है। अस्पताल प्रबंधन ने सीजीएमएससी को कई बार पत्र भेजा है उसके बाद भी दवाईयां नहीं आई है। जिला अस्पताल में हर तीन से चार माह में दवाईयों की सप्लाई की जाती थी लेकिन इस बार अस्पताल द्वारा जितनी दवाईयों की सूची भेजी गई थी उसमें से सिर्फ 10 फीसद ही भेजी गई है। अस्पताल में वर्तमान में जीवनरक्षक व सामान्य बीमारियों की दवाईयां भी नहीं होने से अस्पताल में आने वाले मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा जीवनदीप से दवाईयां खरीद कर व्यवस्था बनाई जा रही है।
डॉक्टर नदारद, भटकते हैं मरीज
जिला अस्पताल में वैसे ही डाक्टर की कमी है। उसके बाद भी यहां कार्यरत डाक्टरों के छुट्टी पर रहने व पेशी में होने से तथा लेट से अस्पताल पहुंचने के कारण मरीजों को आए दिन डाक्टरों का इंतजार उनके कक्ष के बाहर मरीज करते रहते हैं। जिला अस्पताल में ओपीडी में अक्सर मरीज व्हीलचेयर, स्टे्रचर पर तड़पते रहते हैं। लेकिन डाक्टरों का समय पर पता नहीं रहता है। आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में भी डाक्टर व नर्स तथा वार्ड बाय नहीं मिलते हैं। ऐसे में गंभीर केस आने पर उपचार में देरी होती है व कई इमरजेंसी केस को सिम्स रिफर कर दिया जाता है। अस्पताल में अब तक मनमानी करने वाले डाक्टरों व कर्मचारियों पर लगाम नहीं लग पाया है।
बजट नहीं, कई महत्वपूर्ण कार्य अटके
अस्पताल में शासन को 4 बार मांगपत्र बजट के लिए भेजा गया है मगर अभी तक शासन से बजट व कोई जवाब नहीं आया है जिससे अस्पताल में अव्यवस्था बनी हुई है। अस्पताल के उपकरणों व मरम्मत कार्य सहित अन्य कामों में परेशानी हो रही है। जिला अस्पताल में बजट नहीं होने से कई काम अटके हुए हैं। अस्पताल में डायलिसिस मशीन की मरम्मत एक्सरे, सोनोग्राफी के लिए अलग व्यवस्था करना व पैथोलाजी में ब्लड सेल काउंटर का निर्माण सहित दवाइयों की कमी बनी हुई है, जब तक अस्पताल को शासन द्वारा बजट नहीं मिल पाता है तब तक प्रबंधन अस्पताल में अधूरे पड़े कार्यों को नहीं कर सकती है। शासन जैसे-जैसे जिस मद का बजट भेजेगा, उसी के अनुसार कार्य कराया जाएगा।
राशि मिलते ही कार्य होंगे
शासन को बजट के लिए मांगपत्र भेज दिया गया है। अभी तक राशि नहीं मिली है, जैसे ही बजट आएगा वैसे ही अटके सारे कार्यों पूरा कर लिया जाएगा। वहीं समय पर नहीं पहुंचने वाले चिकित्सकों व कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक मशीन के सामने नोटिस चस्पा कर दिया गया है। अब नियम तोडऩे पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में कुछ समस्याएं बनी हुई है उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा।
डॉ.एस एस बाजपेयी
सिविल सर्जन, जिला अस्पताल


