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हिमाचल में देर रात बादल फटने से भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश में जोरदार बारिश हुई तथा रोहडू उपमंडल के तहत चड़गाँव क्षेत्र की चांशल घाटी में बादल फटने से ग्राम पंचायत खरशाली के गढसारी नाला में आई बाढ से महिला मंडल भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया

हिमाचल में देर रात बादल फटने से भारी नुकसान
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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला सहित अनेक स्थानों पर रविवार को जोरदार बारिश हुई तथा रोहडू उपमंडल के तहत चड़गाँव क्षेत्र की चांशल घाटी में देर रात बादल फटने से ग्राम पंचायत खरशाली के गढसारी नाला में आई बाढ से महिला मंडल भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

गौरतलब है कि इस भवन का उपयोग विद्यालय के तौर पर किया जा रहा था। गत दिनों स्थानीय विद्यालय की इमारत के क्षतिग्रस्त हो जाने से विद्यालय को महिला मण्डल भवन में शिफ्ट किया गया था। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है और एक पुलिया बह गई है। लोग जान जोखिम में डाल कर नाला पार कर रहे है और निचले इलाकों में नुकसान की खबर आ रही है।

शिमला के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डाॅ. मनमोहन सिंह ने बताया कि अगले चार सिंतबर तक मैदानी और मध्यवर्ती कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने का अनुमान है। इस दौरान गिने चुने स्थानों पर बारिश जारी रहने की उम्मीद है।

पश्चिमोत्तर के बाकी क्षेत्र में पिछले चौबीस घंटों में कहीं-कहीं औसत वर्षा हुई तथा सोमवार तक अधिकांश स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा बिहार, झारखंड, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अगले 24 घंटों के दौरान गरज के साथ भारी बारिश होने की संभावना है जबकि उत्तराखंड, कोंकण, गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तटीय कर्नाटक के अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने के आसार है।

मौसम विभाग के मुताबिक इस अवधि के दौरान हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाकों, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, केरल, माहे और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग क्षेत्रों में भी भारी बारिश होने का अनुमान है।

इस अवधि के दौरान पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर तथा मध्य और आस-पास की दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएँ चल सकती हैं। उत्तरी अंडमान सागर पर इस दौरान तेज हवाएं चलने की संभावना है, मछुआरों को अगले 24 घंटों के दौरान इन क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी गई है।


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