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क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला : दिल्ली में 37 ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली के क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला मामले में शामिल ठेकेदारों और निजी संस्थाओं से जुड़े 37 स्थानों पर छापेमारी की। बीते दिनों क्लासरूम कंस्ट्रक्शन मामले में एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। ईडी की कार्रवाई उसी एफआईआर से संबंधित है

क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला : दिल्ली में 37 ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई
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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली के क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला मामले में शामिल ठेकेदारों और निजी संस्थाओं से जुड़े 37 स्थानों पर छापेमारी की। बीते दिनों क्लासरूम कंस्ट्रक्शन मामले में एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। ईडी की कार्रवाई उसी एफआईआर से संबंधित है।

जानकारी के अनुसार, क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला मामले में ईडी की टीम दिल्ली के राजेंद्र नगर में स्थित बब्बर एंड बब्बर आर्किटेक्ट्स समेत 37 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। यह मामला दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों और निजी ठेकेदारों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।

बता दें कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मंजूरी मिलने के बाद एसीबी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। एसीबी ने 30 अप्रैल को मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

यह मामला करीब 2000 करोड़ रुपए के कथित घोटाले से जुड़ा है। उन पर करीब 12,748 क्लासरूम और इमारतों के निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप है।

एसीबी के मुताबिक, क्लासरूम के निर्माण की लागत को असामान्य रूप से बढ़ाया गया। साथ ही जांच में यह भी पता चला कि क्लासरूम्स को सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया। इसके अलावा, जिन ठेकेदारों को इसका ठेका मिला था, उनके संबंध ‘आप’ पार्टी से जुड़े थे।

इससे पहले, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को सरकारी स्कूलों में 12,748 कक्षाओं के निर्माण में कथित 2,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में समन जारी किया है। उन दोनों पर बीते 30 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी।

आरोप है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमाने तरीके से क्लासरूम की लागत और साइज बढ़ाकर इसका फायदा लिया। दोनों पर सरकारी नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगा।

क्लासरूम बनाने की लागत 24.86 लाख रुपए बताई गई, जबकि दिल्ली में इसी तरह के निर्माण की लागत पर 5 लाख रुपए का खर्च आता है।


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