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प्रधान न्यायाधीश ने कोर्ट में सीआईएसएफ की तैनाती का समर्थन किया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से कोर्ट की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) के एक अलग कैडर को बनाने पर विचार करने की सिफारिश की

प्रधान न्यायाधीश ने कोर्ट में सीआईएसएफ की तैनाती का समर्थन किया
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से कोर्ट की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) के एक अलग कैडर को बनाने पर विचार करने की सिफारिश की। शीर्ष कोर्ट का यह सुझाव दिल्ली के कोर्ट परिसरों में वकीलों व पुलिस के बीच हुई हिंसा के मद्देनजर महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही यह अन्य कोर्ट परिसरों के लिए भी महत्व रखता है।

तीस हजारी कोर्ट परिसर में हाल में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़पों की तरफ संकेत करते हुए प्रधान न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सीआईएसएफ की तैनाती से वहां घटना को रोका जा सकता था। इस पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय से कोर्ट के लिए सीआईएसएफ की एक अलग शाखा पर विचार करने के लिए कहा है।

बीते साल नवंबर में तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस अधिकारियों के बीच मतभेद हिंसक हो गया। सैकड़ों पुलिसकर्मी व वकील हिंसक झड़पों में शामिल हुए, जिसमें कई घायल हो गए।

शीर्ष कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि संबंधित अधिकारी सीआईएसएफ का एक अलग कैडर बनाने पर विचार कर सकते हैं।


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