किसान आंदोलन का सीटू ने किया समर्थन
लाभकारी मूल्य और कर्जमाफी को लेकर देशभर में आंदोलन कर रहे किसानों को अब मजदूरों का भी साथ मिल गया है

नई दिल्ली। लाभकारी मूल्य और कर्जमाफी को लेकर देशभर में आंदोलन कर रहे किसानों को अब मजदूरों का भी साथ मिल गया है। आज सेंटर आफ ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने इस आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा है, कि 16 जून को प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग रोको आंदोलन में सीटू कार्यकर्ता भी हिस्सा लेंगे।
उल्लेखनीय है, कि महाराष्ट्र से शुरु हुआ यह आंदोलन जब मध्य प्रदेश पहुंचा, तो वहां हुई पुलिस गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो गई। इसके बाद पूरे मध्य प्रदेश में हिंसक आंदोलन शुरु हो गए, बाद में यह आंदोलन अन्य राज्यों में भी फैल गया। पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में हुए किसान संगठनों की बैठक में 16 जून को देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर 12 से 3 बजे तक जाम का फैसला लिया, आंदोलन की अगली रणनीति आगे बनाई जाएगी।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर बना भूमि अधिकार आंदोलन भी इस आंदोलन का एक हिस्सा है। इस आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन ने कहा है, कि मोदी सरकार सरकार पूंजीपति परस्त नीतियां बना रही है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। उन्होंने मध्य प्रदेश में हुई गोलीबारी का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के इस्तीफे की मांग भी की।
श्री सेन ने कहा, कि किसानों की मांग जायज हैं, जिन्हें सरकार को पूरा किया जाना चाहिए, उन्होंने कर्जमाफी के साथ जानवरों की खरीद फरोख्त के लिए लाए गए नए कानून को वापस लेने की मांग भी की, क्योंकि यह कानून पशु पालक किसान के लिए घातक है।
इसी बीच किसानों का आंदोलन लगातार जारी है, देश के तमाम हिस्सों में आज भी प्रदर्शन हुए। 15 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय किसान यूनियन और किसान सभा मिलकर महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं। जिसमें कई राज्यों के किसान शामिल होंगे।


