घुसपैठ रोकने के लिए नागरिकता रजिस्टर जरूरी
विदेशी नागरिकों की घुसपैठ को बड़ा खतरा बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि इससे निपटने के लिए सरकार राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर अमल में लायेगी

नयी दिल्ली । विदेशी नागरिकों की घुसपैठ को बड़ा खतरा बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि इससे निपटने के लिए सरकार राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर अमल में लायेगी।
संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में आज अपने अभिभाषण में कोविंद ने कहा कि अवैध तरीके से देश में दाखिल हुए विदेशी, आतंरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। इसे सामाजिक असंतुलन का कारण बताते हुए उन्हाेंने कहा कि आजीविका के अवसरों पर भी इससे भारी दबाव आ रहा है। सरकार ने यह तय किया है कि घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे क्षेत्रों में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर अमल में लाया जाएगा। घुसपैठ रोकने के लिए सीमा पर सुरक्षा को और सशक्त किया जाएगा।
श्री कोविंद ने कहा कि सरकार जहां घुसपैठियों की पहचान कर रही है, वहीं आस्था के आधार पर उत्पीड़न के शिकार परिवारों की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसके लिए भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को ध्यान में रखते हुए नागरिकता कानून में संशोधन का प्रयास किया जाएगा।
सरकार जम्मू-कश्मीर में सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल के लिए पूरी निष्ठा के साथ प्रयास कर रही है और स्थानीय निकायों के शांतिपूर्ण चुनाव तथा हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से इन प्रयासों को बल मिला है। वह जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आवश्यक हर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि देश को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने पर भी सरकार संकल्प-बद्ध होकर काम कर रही है। पिछले 5 वर्ष में उसे काफी सफलता मिली है और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दायरा निरंतर घट रहा है। इन क्षेत्रों में विकास के कार्यक्रमों में और तेज़ी लाई जाएगी जिससे वहां रहने वाले आदिवासियों को फायदा मिलेगा


