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नागरिकता संशोधन विधेयक-एक, फासीवादी हमला: अजमेर सिंह

अजमेर सिंह: नागरिकता देने के लिए धर्म को आधार बनाया गया है। यह आधार संविधान का घोर उल्लंघन है।

नागरिकता संशोधन विधेयक-एक, फासीवादी हमला: अजमेर सिंह
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जालंधर। भारतीय साम्यवादी पार्टी (मार्कसवादी-लेनिनवादी) न्यू डेमोक्रेसी ने राज्स सभा और लोक सभा में पारित किये नागरिकता (संशोधन) विधेयक को सांप्रदायिक, गैर-कानूनी, और गैर-वैज्ञानिक करार देते हुए सभी धर्मनिरपेक्ष, प्रगतिशील और लोकतांत्रिक शक्तियों को इसका विरोध करने का आह्वान किया है।

शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में पार्टी नेता कामरेड अजमेर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार अपने सांप्रदायिक एजेंडे - अनुच्छेद 370 खत्म करना, समान नागरिकता विधेयक, राम मंदिर का निर्माण आदि को लागू करने के बाद नागरिकता संशोधन बिल के द्वारा अल्पसंख्यक मुसलमानों को निशाना बना रही है। नागरिकता देने के लिए धर्म को आधार बनाया गया है। यह आधार संविधान का घोर उल्लंघन है।

श्री सिंह ने कहा कि कानून अनुसार सभी नागरिकों को समानता के अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य बंगला देश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों, हिंदुओं, सिख, बुद्ध धर्म का अनुयायी, जैन और पारसियों को नागरिकता देकर सुरक्षा प्रदान करना नहीं बल्कि आरएसएस-भाजपा के हिन्दुत्व के फासी हमले को आगे बढ़ाना है और देश को सांप्रदायिक आधार पर बाँट कर लोगों का ध्यान बुनियादी समस्याओं से हटाना है। उन्होंने कहा कि विकास दर का लगातार घटना, पिछले 45 सालों में बेरोज़गारी का बढ़ना, औद्योगिक पैदावार में रिकार्ड तोड़ गिरावट, अल्पसंख्यकों, दलितों और अन्य पर अत्याचारों में विस्तार आदि समस्याओं से हटकर पूंजीपतियों, जागीरदारों और साम्राज्ञी के सेवा के लिए मेहनती लोगों में फूट डालना और ऊँची जातियों की सरदारी के लिए फासीवादी राज स्थापित करना है।


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