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देशभक्ति से परिपूर्ण नागरिक तैयार होंगे सैनिक स्कूल में : शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सैनिक स्कूल में देशभक्ति तथा अनुशासन के संस्कार से परिपूर्ण नागरिक तैयार होंगे

देशभक्ति से परिपूर्ण नागरिक तैयार होंगे सैनिक स्कूल में : शाह
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मेहसाणा। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सैनिक स्कूल में देशभक्ति तथा अनुशासन के संस्कार से परिपूर्ण नागरिक तैयार होंगे।

श्री शाह ने आज मेहसाणा जिले के बोरियावी में सहकारी संस्था द्वारा संचालित देश के पहले सैनिक स्कूल का ई-शिलान्यास किया और कहा कि उत्तर गुजरात की प्रतिष्ठित दूध सहकारी संस्था दूधसागर डेयरी के प्रणेता मोतीभाई चौधरी के जन्म शताब्दी महोत्सव वर्ष के उपलक्ष में इस सैनिक स्कूल का निर्माण करवाया जाएगा। लगभग 75 करोड़ रुपए की लागत से 11 एकड़ में बनने वाला यह सैनिक स्कूल पी.पी.पी आधार पर कार्यरत होने वाला देश का 20वां तथा सहकारी संस्था द्वारा निर्मित देश का पहला सैनिक स्कूल बनेगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह सैनिक स्कूल ज्ञान के साथ रक्षा, बहादुरी तथा राष्ट्रसेवा का भाव बालकों के जीवन में लाकर नई उमंग, नई चेतना जगाएगा। इतना ही नहीं इस सैनिक स्कूल में देशभक्ति तथा अनुशासन के संस्कार से परिपूर्ण नागरिक तैयार होंगें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौ वर्ष के सुशासन में सभी सहकारी संस्थाओं, गैर-सरकारी संगठन (एन.जी.ओ), सेवा संगठनों तथा सेवाभावी व्यक्तियों को देश के विकास में जोड़ा है तथा भारत दिन दूनी रात चौगुनी विकासगति के साथ आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से देश में पी.पी.पी आधार पर 100 सैनिक स्कूलों की स्थापना की जानी है। उनमें से 20वीं तथा सहकारी संस्था द्वारा संचालित पहले सैनिक स्कूल का शिलान्यास गुजरात के लिए गर्व की बात है। दूधसागर डेयरी के प्रणेता श्री मोतीभाई चौधरी का भावपूर्वक स्मरण करते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन में आदर्श कार्यकर्ता का उत्तम उदाहरण मोतीभाई चौधरी थे। एक जन प्रतिनिधि को सादगी और सरल जीवन के साथ जनसंपर्क कैसे करना चाहिए मोतीभाई इसके आदर्श दृष्टांत थे।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोतीभाई चौधरी ने संकट से लड़ने, सहकारी क्षेत्र के विकास को गति देने सहित पशुपालकों के हित के लिए प्रेरणादायक कार्य किये हैं। लगातार 30 वर्षों तक अनवरत सेवा कर मोतीभाई ने दूध सागर के नाम को सही अर्थों में सार्थक किया है। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि मोतीभाई ने त्रिभुवनदास पटेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बनासकांठा, साबरकांठा और मेहसाणा के तीन ज़िलों में दूध उत्पादन का बड़ा यज्ञ शुरू करने का कार्य किया था।

उन्होंने कहा कि राज्य में जलक्रांति से विकास क्रांति का लक्ष्य देश के प्रधानमंत्री ने पूरा किया है। जलक्रांति से कृषि की समृद्धि के साथ पशुपालक भी समृद्ध हुए है। इसका श्रेय देश के यशस्वी प्रधानमंत्री को जाता है। उन्होंने कहा कि “शब्द मोती” पुस्तिका मोतीबापू के जीवन चरित्र की प्रेरणादायी पुस्तक है। मोतीबापू द्वारा शुरू की गयी दूधसागर डेयरी पांच लाख पशुपालकों की आजीविका बनी है। डेयरी द्वारा शुरू किए गए शैक्षणिक संस्थाओं में करियर बना कर युवा आज राष्ट्र को गौरव दिलवा रहे है । उन्होंने सागर डेयरी के अविरत विकास के लिए बधाई देते हुए कहा कि डेयरी द्वारा प्रतिदिन पांच लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण एवं विपणन कर पशुपालकों को आजीविका प्रदान करने का बड़ा कार्य किया जा रहा है।


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