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सर्जिकल स्ट्राइक दिवस से संबंधित परिपत्र वापस हो: माकपा

देश के विश्वविद्यालयों में 29 सितम्बर को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मानाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है

सर्जिकल स्ट्राइक दिवस से संबंधित परिपत्र वापस हो: माकपा
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नयी दिल्ली। देश के विश्वविद्यालयों में 29 सितम्बर को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मानाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मानाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से जारी परिपत्र को वापस लेने की मांग की है। पार्टी पोलित ब्यूरो ने शनिवार को यहाँ जारी विज्ञप्ति में कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर आयोग ने यह परिपत्र जारी किया है जो आपत्तिजनक है क्योंकि सत्तारूढ़ दल की इसके जरिये देश में उन्मादी राष्ट्रवाद का माहौल बनाने की मंशा है और इस तरह वह अपने राजनीतिक एजेंडे को आड़े बढ़ाना चाहता है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस परिपत्र से सिद्ध होता है कि आयोग जैसी स्वायत्त संस्था ने सरकार के आगे घुटने टेक दिए हैं और मीडिया से भी कहा गया है कि वह सर्जिकल स्ट्राइक दिवस के कार्यक्रमों को कवर करे। यह प्रेस की आज़ादी में भी दखलंदाजी है। सरकार ने शैक्षणिक संस्थाओं की स्वायत्तता और लोकतान्त्रिक मर्यादाओं का भी ख्याल नहीं रखा है।

पार्टी ने कहा है कि जब इस परिपत्र को लेकर बहुत विवाद खड़ा हो गया तो मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर का यह कहना कि इस परिपत्र का पालन करना अनिवार्य नहीं है, दरअसल उनके बहुत कमजोर बचाव को दर्शाता है।

गौरतलब है कि कल कांग्रेस और तृणमूल ने भी सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाने का कड़ा विरोध किया था जबकि जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि वे 29 सितम्बर को यह दिवस मनाएंगे।



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