Top
Begin typing your search above and press return to search.

सीआईडी ने भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में चंद्रबाबू नायडू की हिरासत मांगी

आंध्र प्रदेश पुलिस की सीआईडी ने फाइबरनेट घोटाले में तेदेपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ प्रिजनर ट्रांजिट (पीटी) वारंट याचिका दायर की है

सीआईडी ने भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में चंद्रबाबू नायडू की हिरासत मांगी
X

विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश पुलिस की सीआईडी ने फाइबरनेट घोटाले में तेदेपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ प्रिजनर ट्रांजिट (पीटी) वारंट याचिका दायर की है, जबकि वह इस समय कौशल विकास घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं।

सीआईडी ने मंगलवार को विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में याचिका दायर कर तीसरे भ्रष्टाचार मामले में नायडू की हिरासत की मांग की।

जांच एजेंसी ने करोड़ों रुपये के कौशल विकास घोटाले में गिरफ्तार और न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के दो दिन बाद 11 सितंबर को अमरावती इनर रिंग रोड मामले में नायडू के खिलाफ पीटी वारंट याचिका दायर की थी।

अदालत ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में मामलों को रद्द करने के लिए नायडू की याचिका की सुनवाई के मद्देनजर कौशल विकास और इनर रिंग रोड मामलों में नायडू की पुलिस हिरासत के लिए सीआईडी याचिका पर सुनवाई 21 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

नायडू ने एफआईआर को रद्द करने और कौशल विकास में अपनी न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया है। कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

इनर रिंग रोड मामले में अग्रिम जमानत के लिए तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख की याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई 21 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

सीआईडी के अनुसार, तीनों घोटाले तब हुए, जब नायडू 2014 से 2019 के बीच मुख्यमंत्री थे। सीआईडी ने आरोप लगाया है कि 321 करोड़ रुपये के एपी फाइबरनेट प्रोजेक्ट के पहले चरण का कार्य आदेश नियमों का उल्लंघन करते हुए टेरासॉफ्टवेयर को आवंटित किया गया था और टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की गई।इस परियोजना का उद्देश्य राज्यभर के गांवों और कस्बों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करना था।

सीआईडी के मुताबिक, एपी स्टेट फाइबरनेट लिमिटेड (एपीएसएफएल) में टेंडर आवंटन से लेकर प्रोजेक्ट पूरा होने तक कई अनियमितताएं हुईं, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। सीआईडी ने ई-गवर्नेंस अथॉरिटी के पूर्व सदस्य एस. वेमुरी हरि कृष्ण प्रसाद, इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन ऑफ आंध्र (आईएनकैप) के सीएमडी के. संबाशिव राव, टेरासॉफ्टवेयर के एमडी तुम्मला गोपीचंद और हिमाचल फ्यूचरिस्टिक कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक कार्रवाई (पीसीए) के लिए एफआईआर दर्ज की थी।

सीआईडी द्वारा पीटी वारंट याचिका दायर करने के साथ नायडू फाइबरनेट घोटाले में अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

विपक्षी दल पहले ही इन मामलों को राजनीति से प्रेरित बता चुका है। तेदेपा ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए नायडू को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it