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मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा में मंथन

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा में मंथन
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भोपाल | सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद भाजपा में नई सरकार बनाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है और अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर पार्टी हाईकमान मंथन कर रहा है।

मध्य प्रदेश में बीते एक पखवाड़े से कमलनाथ की सरकार पर संकट के बादल मंडरा हुए थे और 22 विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति द्वारा मंजूर किए जाने के बाद से यह संकट और बढ़ गया था, जिससे सरकार का जाना लगभग तय था।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संख्या बल अपने पक्ष में न होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया और राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन को इस्तीफा भी सौंप दिया।

कमलनाथ सरकार के इस्तीफा देने के बाद पूरी तरह गेंद भाजपा के पाले में है, क्योंकि उसके पास 106 विधायकों का समर्थन हासिल है और यह समर्थन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है। राज्य विधानसभा में 25 स्थान रिक्त हैं और इन स्थितियों में बहुमत के लिए 103 विधायकों की जरूरत है। बहुमत के आंकड़े से ज्यादा भाजपा के पास विधायक हैं।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधायक दल का नेता कौन होगा, इसे पार्टी हाईकमान तय करेगी और यही कारण है कि दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठकें शुरू हो गई हैं। पार्टी में सबसे ज्यादा संभावना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फिर नेता बनाए जाने की है, फिर भी पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो चौहान के स्थान पर नए चेहरे पर दांव लगाने की बात कर रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण आगामी समय में होने वाले 25 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव हैं।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी शिवराज सिंह चौहान पर सिर्फ इसलिए बचने की कोशिश करेगी, क्योंकि कमलनाथ सरकार ने सबसे ज्यादा आरोप चौहान पर ही लगाए थे।

पार्टी सूत्रों का मानना है कि भाजपा नए चेहरे के तौर पर पिछड़े वर्ग के विधायक का पता लगाएगी। नया चेहरा भाजपा की ओर से कौन होगा, यही बड़ा सवाल बना हुआ है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि इस सरकार के पास बहुमत नहीं था और उसे जाना ही था, वहीं भाजपा का नेता कौन होगा इसे पार्टी तय करेगी।


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