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राज्यसभा में चिट फंड संशोधन विधेयक पारित

चिट फंड संग्रह को तीन गुना बढ़ाने और क्षेत्र के विकास को सुव्यवस्थित रूप से सुनिश्चित करने के लिए राज्यसभा ने गुरुवार को चिट फंड (संशोधन) विधेयक-2019 को ध्वनि मत से पारित कर दिया

राज्यसभा में चिट फंड संशोधन विधेयक पारित
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नई दिल्ली। चिट फंड संग्रह को तीन गुना बढ़ाने और क्षेत्र के विकास को सुव्यवस्थित रूप से सुनिश्चित करने के लिए राज्यसभा ने गुरुवार को चिट फंड (संशोधन) विधेयक-2019 को ध्वनि मत से पारित कर दिया। विधेयक लोकसभा द्वारा पहले ही पारित किया जा चुका है।

चिट फंड की मौद्रिक सीमा को बढ़ाने के अलावा विधेयक में पांच से सात फीसदी तक निधि का प्रबंधन करने वाले व्यक्ति के लिए कमीशन बढ़ाने का भी प्रावधान है।

बिल के अनुसार, व्यक्तियों के लिए संग्रह सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है, जो वर्तमान में एक लाख रुपये है। फर्मो के लिए यह सीमा छह लाख रुपये से 18 लाख होगी।

उच्च सदन में विधेयक के बारे में बताते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2001 के बाद से मुद्रास्फीति की दर को देखते हुए संग्रह सीमा बढ़ा दी गई है।

चिट फंड कम आय वाले समूह के लोगों के बीच लोकप्रिय है, क्योंकि यह उन्हें बचत और निवेश करने का अवसर प्रदान करता है। बैंकों और अन्य संस्थानों के साथ चिट फंड ने वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कम आय वाले समूह और छोटे व्यवसायों को धन की आसान पहुंच प्रदान करता है।

चिट फंड अधिनियम 1982 को चिट फंड के नियमन के लिए लागू किया गया था, जिसने निम्न आय वाले परिवारों की वित्तीय जरूरतों को पारंपरिक रूप से संतुष्ट किया है।

बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने जोर देकर कहा कि चिट फंड अनियमित जमा पूंजी और पोन्जी योजनाओं से अलग है।


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