चिन्मयानंद कांड: पूछताछ के बाद स्वामी की घेराबंदी शुरू, आश्रम पर अतिरिक्त बल तैनात
यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद के इर्द-गिर्द (विशेष जांच दल)एसआईटी की घेराबंदी बढ़ती जा रही है।

शाहजहांपुर । यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद के इर्द-गिर्द (विशेष जांच दल)एसआईटी की घेराबंदी बढ़ती जा रही है। गुरुवार देर रात 2 बजे तक चिन्मयानंद और उनके कुछ विश्वासपात्रों से एसआईटी ने करीब 6-7 घंटे तक कड़ी पूछताछ की। पूछताछ शाहजहांपुर पुलिस लाइन परिसर में की गई। उत्तर प्रदेश पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, "भले ही एसआईटी की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ कर रही हो, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए सूबे की सरकार और राज्य पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह करीब से नजर रखे हुए हैं।"
शाहजहांपुर में कई दिन से डेरा डाले एसआईटी टीम के सदस्य आरोपी-गवाह और शिकायतकर्ताओं के अलावा बाकी हर किसी से दूरी बनाए हुए हैं। वजह है कि एसआईटी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष पीठ की नजरें लगी हुई हैं। जांच में क्या कुछ निकल कर सामने आ रहा है? जांच की दिशा क्या है? इसकी पल-पल की जानकारी पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह को एसआईटी दे रही है,ताकि एसआईटी जब रिपोर्ट के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यी पीठ के सामने पेश हो, तो राज्य सरकार और राज्य पुलिस की किरकिरी न हो।
सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश पुलिस और उसकी एसआईटी को एक डर यह भी सता रहा है कि अगर उसकी जांच में कहीं कोर-कसर बाकी रह गई तो, कोई बड़ी बात नहीं कि राज्य पुलिस की एसआईटी से छीनकर मामले की निगरानी कर रही हाईकोर्ट की विशेष पीठ जांच कहीं सीबीआई के हवाले न कर दे।
बहरहाल इन तमाम तथ्यों के बीच में ही एसआईटी के इशारे पर स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आश्रम के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्र तो यह भी बताते हैं कि, एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद और उनके विश्वासपात्रों को कहीं बाहर न निकलने की हिदायत भी दे दी है।
इससे दो प्रबल संभावनाएं उभर कर सामने आ रही है कि, पहली कि चिन्मयानंद को एसआईटी कभी भी हिरासत में ले सकती है। दूसरी संभावना है कि इस पूरे प्रकरण में सामने आए या लाए गए चिन्मयानंद के मसाज वाले वीडियो को लेकर कहीं स्थानीय जनता के स्वामी जी शिकार न हो जाए।


