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नक्सलवाद के पीछे चीन का हाथ : कश्मीरी लाल

अखिल भारतीय स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक कश्मीरी लाल ने चीन के आर्थिक षड्यंत्र को उजागर करते हुए कहा......

नक्सलवाद के पीछे चीन का हाथ : कश्मीरी लाल
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रायपुर। अखिल भारतीय स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक कश्मीरी लाल ने चीन के आर्थिक षड्यंत्र को उजागर करते हुए कहा कि चीन हमें पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल की सीमाओं से घेरने में लगा हुआ है। इसलिए सरकार से लेकर हम सबको सतर्क रहने की आवश्यकता है।

श्री लाल ने चीन के नए खतरों से आगाह करते हुए कहा कि भारत के मोबाइल बाजार में चीनी उत्पादों का कब्ज़ा है। भारत की कोई कंपनी मोबाइल नहीं बना रही। विश्व की धरती में 57 प्रतिशत ई कचरा चीन से आ रहा है। हमारे मंदिर में मूर्तियां, झालरें कंज्यूमर आइटम मेङ ऑफ़ चाइना की हैं। 75 फीसदी कैपिटल गुडस चीन से भारत आ रहा है। यहाँ के कारखाने, वर्कशॉप बंद हो रहे हैं। हमारे अलीगढ के तालों की जगह चीन ने ले ली है। प्लास्टिक के खिलौने व् चावल भी सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। केंद्र सरकार ने चीन के प्लास्टिक के खिलौने व् पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है। यह अच्छी पहल है। इससे 3 लाख करोड़ रुपए चाइना का प्रॉफिट की बचत देश में होगी।

श्री लाल ने आगे कहा कि पर्यावरण व ओजोन परत के प्रदुषण के लिए चीनी कम्पनियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि तिब्बत के लिए दलाई लामा ने सबसे पहले नेहरूजी से मदद मांगी थी मगर उन्होंने रुचि नहीं दिखाई। आज चीन उस पर दबाव बना रहा हैं। 124 युवक युवतियां आत्मदाह कर चुके हैं तिब्बत को बचाने में। अगर नेहरू ने दलाई लामा की बात मान ली होती तो यह दिन ना देखने पड़ते। उन्होंने कहा कि नक्सली समस्या से भारत को अस्थिर करने का खेल भी चीन द्वारा प्रायोजित है। हमारा रोजगार, व्यापार, पर्यावरण, सुरक्षा को चीन से ख़तरा। 43 हजार वर्ग किमी जमीन चीन ने दबा रखी है। सुदर्शन प्रेरणा संगठन के तत्वावधान में आयोजित व्याख्यानमाला की प्रस्तावना हिंदी ग्रन्थ अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा ने रखी।

तत्पश्चात विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रांत सह संघचालक डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना ने कहा कि चीन कुछ वर्षों से भारत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है। वह आर्थिक और सामरिक तौर पर रणनीतिक चालें चल रहां है लेकिन भारत सरकार की अनदेखी और चुप्पी के कारण चीन के हौसले बढे लेकिन जब केंद्र में नई सरकार आई तो उम्मीद बढ़ी है कि चीन को करारा जवाब दिया जाएगा। हमने जब चीनी पटाखों का विरोध किया तो चीन को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कृषि व जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पाकिस्तान को साथ लेकर हमें सामरिक तौर पर कमजोर करना चाहता है। इसी तरह भारत के आर्थिक बाज़ार में चीन के उत्पाद कब्जा जमाये हुए हैं। 70 फीसदी फर्नीचर चीन से आ रहा है। इसलिये सबको स्वदेशी भाव अपनाने की जरुरत है। देश में बने स्वदेशी उत्पादों का इस्तेमाल करें ताकि चीन आर्थिक तौर पर कमजोर हो सके। मंच पर सह संयोजक प्रभात मिश्र व डॉ रवि श्रीवास उपस्थित थे। सुदर्शन प्रेरणा के संरक्षक डॉ. राजेन्द्र दुबे ने बताया कि सुदर्शन प्रेरणा का यह आयोजन प्रतिवर्ष आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक सुदर्शन की स्मृति में आयोजित होता आया है।


कार्यक्रम का सञ्चालन सुश्री शोभा पंडित ने तथा आभार प्रदर्शन रवि श्रीवास किया।

कार्यक्रम में मुख्य तौर पर मंच के संरक्षक डॉ राजेंद्र दुबे, पूर्व राज्य सभा सांसद श्री गोपाल व्यास, सत्यनारायण अग्रवाल, बक्शी सृजन पीठ के अध्यक्ष डॉ रमेंद्रनाथ मिश्र, श्रीमती शीला शर्मा, भास्कर किनहेकर, पत्रकार अनिल द्विवेदी, अरविन्द मिश्र, संजय जोशी सहित अनेकों बुद्धिजीवी उपस्थित थे।




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