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टीवी हो या ऑनलाइन गेम, चीन करना चाह रहा है युवाओं पर नियंत्रण

रिऐलिटी टीवी से लेकर ऑनलाइन खेलों और पॉप संस्कृति तक, चीन ने युवाओं पर नियंत्रण लगाने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू कर दिया है. जानकारों का कहना है कि इससे देश पर "वैचारिक नियंत्रण" बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.

टीवी हो या ऑनलाइन गेम, चीन करना चाह रहा है युवाओं पर नियंत्रण
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इस दिशा में चीन की सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिनके पीछे उद्देश्य है सरकार जिसे आधुनिक मनोरंजन की अति समझती है उसका नियंत्रण करना. सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को भी देशभक्ति पूर्ण सामग्री को बढ़ावा देने के लिए कहा है.

सरकार का कहना है कि उसके निशाने पर अस्वस्थ नैतिक मूल्य और "सौंदर्य के अनुचित अनुभव" हैं, लेकिन समीक्षकों का कहना है कि इन कदमों से हर तरह के बाहरी असर पर अंकुश लगाने की और कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ किसी भी विरोध की संभावनाओं को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.

"मूल्यों का पतन"
टेक्सस एएंडएम विश्वविद्यालय में मीडिया अध्ययन पढ़ाने वाले कारा वॉलिस मानते हैं कि ये बदलाव "वैचारिक नियंत्रण को और बढ़ाने की दिशा में काफी संगठित रूप से की हुई कोशिश" का प्रतिनिधित्व करते हैं.

पिछले एक दशक में चीन में काफी रंगीन और काफी अलग मनोरंजन की शुरआत हुई है. इसमें जापानी और कोरियाई पॉप संस्कृति और सेलिब्रिटी गपशप से प्रेरित बूट कैंप जैसे टैलेंट टीवी कार्यक्रम शामिल हैं.

इसके साथ ही चीन दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो गेम बाजार भी बन गया है. नियामकों की समझ में इन सबसे नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है और वो मनोरंजन और गेमिंग उद्योगों पर लगाम लगाना चाह रहे हैं.

उन्होंने कुछ फिल्मी सितारों का उदाहरण बनाने के लिए रिएलिटी कार्यक्रमों को बैन किया है और प्रसारकों को "गैर मर्दाना आचरण वाले" पुरुषों और "अश्लील इन्फ्लुएंसरों" को दिखाना बंद करने का आदेश दिया है.

नियामकों ने बच्चों के रोजाना वीडियो गेम पर बिताए जाने वाले समय पर भी सीमा लगा दी है. एसओएस चीन इंस्टीट्यूट के निदेशक स्टीव सांग ने बताया कि सरकार मनोरंजन की धुन की चमक से खतरा महसूस करती है, क्योंकि उसे लगता है कि इनसे चीनी युवाओं को "पार्टी द्वारा आध्यात्मिक या वैचारिक मार्गदर्शन का विकल्प" मिलता है.

"सीआईए का षड्यंत्र"
पश्चिम के साथ तनाव के बीच चीन ने देश के अंदर राष्ट्रवादी और सैन्यवादी विचारों को भी बढ़ावा दिया है. इनमें एक सख्त मर्दानगी भरे व्यक्तित्व की छवि भी शामिल है जैसा कि "वुल्फ वॉरियर" जैसी एक्शन फिल्मों में दिखाया गया है.

पार्टी द्वारा चलाए जाने वाले टैब्लॉयड अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पिछले सप्ताह कहा की "नारी जैसे" मर्द सेलिब्रिटियों के पूर्व एशियाई चलन की जड़ें द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापानी मर्दों को कमजोर करने के सीआईए के षड्यंत्र में हैं.

न्यूकासल विश्ववद्यालय में मीडिया और जेंडर के शोधकर्ता ऑल्टमैन पेंग कहते हैं, "भविष्य में देश की समृद्धि को लेकर एक डर है, वो युवा पीढ़ी की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है." पार्टी का मानना है की युवाओं की गुणवत्ता को देश में फैल चुके मनोरंजन और संस्कृति से खतरा है.

समीक्षकों का कहना है कि सरकार के कदमों के पीछे ऐसे चलनों पर लगाम लगाने की एक चाहत है जिन्हें वो समस्यात्मक समझती है. इसी कड़ी में अब पॉप सितारों के प्रशंसकों पर भी नकेल कसी जा रही है. लेकिन कई चीनी युवा इन नियमों से बचने के रास्ते भी निकाल ले रहे हैं. इनमें वयस्कों के ऑनलाइन खेलों वाले अकाउंट खरीदना शामिल है.

कुछ युवा तो मानते हैं कि नए नियम हद से ज्यादा नियंत्रण लगाने वाले हैं. सेलिब्रिटी रिएलिटी कार्यक्रमों की प्रशंसक 21 वर्षीय सू कहती हैं, "मैं अब एक वयस्क हूं और फैसला करने की मेरी अपनी क्षमता है. इस तरह के नियम विविधता के विकास के लिए अनुकूल नहीं हैं."


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